ग्लूकोमीटर और ब्लड प्रेशर मापने वाली मशीनों की निर्माता मोरपेन लैबोरेटरीज अपने चिकित्सा उपकरण कारोबार को अगले 12-24 महीने में एक अलग गैर-सूचीबद्ध सहायक इकाई में स्थानांतरित करने की योजना बना रही है। मोरपेन लैबोरेटरीज के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक सुशील सूरी ने बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ बातचीत में कहा कि मेडिकल डिवाइस व्यवसाय तेजी से बढ़ रहा है और यह 500 करोड़ रुपये के कारोबार के आसपास है।
सूरी ने कहा, ‘अगले 12 से 24 महीने में हम इस व्यवसाय को अलग गैर-सूचीबद्ध सहायक इकाई के तहत लाने पर विचार कर सकते हैं। हमारा मानना है कि मेडिकल डिवाइस व्यवसाय 25-28 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा। इसकी तुलना में एपीआई और फॉर्मूलेशन व्यवसाय के 15-20 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है। मेडिकल डिवाइस क्षेत्र, खासकर ग्लूकोमीटर में व्यापक अवसर हैं।’
मोरपेन लैब्स का शेयर इस साल अब तक 61.5 प्रतिशत बढ़कर सोमवार को बीएसई पर 78.7 रुपये पर पहुंच गया। कंपनी ने पिछले साल करीब 1,700 करोड़ रुपये का कारोबार किया था, जिसमें मेडिकल डिवाइस व्यवसाय का योगदान करीब 450 करोड़ रुपये रहा और एपीआई, फॉर्मूलेशन एवं ओवर द काउंटर उपभोक्ता स्वास्थ्य व्यवसाय ने 1,250 करोड़ रुपये का कारोबार किया।
सूरी ने कहा कि वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में मेडिकल डिवाइस व्यवसाय का संपूर्ण कारोबार में करीब 30 प्रतिशत योगदान रहा और अगले पांच वर्षों के दौरान यह बढ़कर कुल कारोबार के 35-40 प्रतिशत पर पहुंच जाएगा।
अगस्त में मोरपेन लैब्स ने 200 करोड़ रुपये के पात्र संस्थागत नियोजन (क्यूआईपी) के सफल सबस्क्रिप्शन कए घोषण की थी। इस निर्गम को 200 करोड़ रुपये की पेशकश के मुकाबले 335 करोड़ रुपये की बोलियों के साथ 1.68 गुना अभिदान मिला था। मुख्य वैश्विक निवेशकों बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज यूरोप, सैमसंग इंडिया, सिटीग्रुप, सोसियाते जेनेराले, नोमुरा, बीएनपी पारिबा, मॉर्गन स्टैनली आदि ने मोरपेन के साथ भागीदारी की है।