भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) के उपयोगकर्ताओं को राष्ट्रीय व प्रदेश राजमार्गों और शहरों में चार्जिंग स्टेशन का पता लगाने के लिए नए वेब पोर्टल विकसित कर रहा है। सरकारी अधिकारियों के मुताबिक इस पोर्टल की बेहतर विशेषताओं के कारण उपयोगकर्ताओं को वास्तविक समय पर आधारित आंकड़ा और भुगतान के तंत्र के बारे में जानकारी मिल सकेगी।
अधिकारी ने बताया, ‘नया केंद्रीयकृत विकसित ऐप कार्य कर रहे ईवी चार्जिंग स्टेशनों की वास्तविक समय की जानकारी, चार्जर क्षमता, स्थान की उपलब्धता, फीडबैक सुविधा और ऑनलाइन भुगतान के विकल्प के बारे में जानकारी देगा। भारी उद्योग मंत्रालय को इस कार्य को पूरा करने की जिम्मेदारी दी गई है और वह व्यवहार्यता का आकलन कर रहा है।’
अभी ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) का मौजूदा पोर्टल ईवी यात्रा उपलब्ध है। इसमें क्षेत्र में उपलब्ध चार्जिंग स्टेशनों की सूची उपलब्ध है लेकिन इसमें ज्यादातर चार्जिंग स्टेशनों के वास्तविक समय की अपर्याप्त जानकारी है। साथ ही भुगतान का कोई उपबंध भी नहीं है।
नए पोर्टल को बनाए जाने के समक्ष चुनौतियां हैं। इन चुनौतियों में ग्रामीण क्षेत्रों के साथ राजमार्गों पर काम नहीं कर रहे चार्जिंग स्टेशन, सीमित उपलब्धता, चार्जिंग की धीमी गति, अनियमित मानदंड और अपर्याप्त चार्जिंग विकल्प हैं। इस बारे में भारी उद्योग मंत्रालय के सचिव और प्रवक्ता को सवाल भेजे गए थे लेकिन खबर लिखे जाने तक उपलब्ध नहीं हो पाए।
अधिकारी ने इस बारे में विस्तार से बताया, ‘यह पहल ईवी को प्रोत्साहन देने के हमारे प्रयासों और आधारभूत ढांचे को बढ़ाने देने का हिस्सा है। ऐप आंकड़ों पर आधारित एडवांस्ड प्लानिंग ऐंड शेड्यूलिंग (एपीएस) सॉफ्टवेयर पर बना होगा। इससे इस्तेमालकर्ता ऐप के जरिये काम कर रहे चार्जर, चार्जर की क्षमता व शुल्क, अपना स्थान बुक करने, फीडबैक मुहैया कराने और भुगतान कर पाएंगे। यह चार्जिंग स्टेशन के बीच दूरी की चिंता को दूर करने में भी मदद करेगा।’
सरकार ऑनलाइन आधारभूत ढांचे को स्थापित करेगी जबकि ऑपरेटर व औद्योगिक निकायों पर इसे लागू करने की जिम्मेदारी होगी। ऑपरेटरों व औद्योगिक निकायों पर यह जिम्मेदारी भी होगी कि वे उपभोक्ताओं के फीडबैक में दी गई समस्याओं का समाधान करे और किसी भी मौजूदा समय में 80-85 प्रतिशत चार्जर काम करें। अधिकारी ने बताया, ‘भारी उद्योग मंत्रालय सरकार और निजी ऑपरेटरों से सहयोग की व्यवहार्यता की जांच कर रहा है। इसका ऐप आने वाले महीनों में जारी होने की संभावना है।’
पीएम इलेक्ट्रिक डॉइव रिवाल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीक्ल इनहेंसमेंट (पीएम ई ड्राइव) योजना में सरकार सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों का समग्र नेटवर्क स्थापित करना चाहती है। इस क्रम में चार पहिया वाहनों के लिए 22,100, बसों के लिए 1800 और दो पहिया व तीन पहिया वाहनों के लिए 48,400 फॉस्ट चार्जर को स्थापित किया जाना शामिल है। सरकारी अधिकारी के मुताबिक देश में 31 मार्च तक 29.277 स्टेशनों पर 37,752 चार्जर हैं।