ग्राहकों की शिकायतें दूर करने के लिए विमानन क्षेत्र के लिए लोकपाल का गठन करना अच्छा विचार है। विमानन कंपनी एयर इंडिया के मुख्य कार्य अधिकारी और प्रबंध निदेशक कैंपबेल विल्सन ने बिजनेस स्टैंडर्ड से यह बात कही।
उद्योग के एक कार्यक्रम के मौके पर विल्सन ने कहा, ‘चाहे जरूरत हो या नहीं, मुझे लगता है कि यह आम तौर पर अच्छा विचार है कि कोई पेशेवर लोकपाल किसी भी मसले के सभी विभिन्न पहलुओं को देख सकता है तथा जानकारी परक और स्वतंत्र फैसला ले सकता है। मेरे ख्याल से यह फायदेमंद है।’
इस महीने की शुरुआत में इस अखबार ने खबर दी थी कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय विमानन कंपनियों, हवाई अड्डों और नियामकों के साथ बैठक की योजना बना रहा है ताकि इस बात पर चर्चा की जा सके कि ग्राहकों की शिकायतें दूर करने के लिए भारतीय विमानन क्षेत्र में किसी लोकपाल की जरूरत है या नहीं।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के प्रवक्ता ने 18 मार्च को कहा था कि मंत्रालय हितधारकों के विचारों को ‘एकत्रित’ करने और लोकपाल के संबंध में प्रस्ताव की समीक्षा के लिए बैठक बुलाएगा। प्रवक्ता ने कहा था कि चूंकि मंत्रालय के पास हवाई यात्रियों की शिकायतों को दूर करने के लिए पहले से ही एयरसेवा (हेल्पलाइन) है, इसलिए हम लोकपाल व्यवस्था से होने वाले मूल्यवर्धन की विस्तार से जांच करेंगे।
पिछले साल 10 नवंबर को उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने विमानन सचिव वुमलुनमंग वुअलनाम को पत्र लिखकर वेब चेक-इन के दौरान सीट चयन के लिए विमानन कंपनियों द्वारा अलग से शुल्क वसूलने पर चिंता जताई थी।
उन्होंने उल्लेख किया कि अनिवार्य वेब चेक-इन की मुफ्त पेशकश करना और बाद में सीट चयन के लिए शुल्क वसूलना ‘उपभोक्ताओं को गुमराह करना’ है और यह उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत ‘अनुचित व्यापार व्यवहार’ के समान है। सिंह ने कहा कि मंत्रालय बिजली लोकपाल और बीमा लोकपाल की तरह लोकपाल लाने पर भी विचार कर सकता है ताकि विमानन क्षेत्र के भीतर उपभोक्ता संबंधी मसलों का समयबद्ध समाधान सुनिश्चित किया जा सके।
वुअलनाम ने 30 नवंबर को जवाब दिया और कहा कि विमानन क्षेत्र में उपभोक्ता मसलों के समयबद्ध समाधान के लिए किसी लोकपाल की स्थापना के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय के नियंत्रण के तहत हितधारकों के साथ ‘गहन जांच और विचार-विमर्श’ की आवश्यकता है।