इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बनाने वाली भारतीय कंपनी काइनेटिक ग्रीन ने वैश्विक निजी इक्विटी फर्म ग्रेटर पैसिफिक कैपिटल (जीपीसी) से 2.5 करोड़ डॉलर जुटाए हैं। कंपनी ने सीरीज ए फंडिंग राउंड के तहत पूंजी जुटाई है और उसका लक्ष्य 4 करोड़ डॉलर जुटाना है। काइनेटिक ग्रीन ने पहली बार बाहरी स्रोत से पूंजी जुटाई है। इस रकम से काइनेटिक ग्रीन की दोपहिया और तीन पहिया वाहन कारोबार की वृद्धि को दम मिलेगा।
इस रकम का उपयोग महाराष्ट्र के सुपा में काइनेटिक ग्रीन के विनिर्माण संयंत्र में उत्पादन बढ़ाने और मार्केटिंग, वितरण तथा अनुसंधान एवं विकास (आरऐंडडी) बढ़ाने में किया जाएगा। इसमें हाल में पेश ई-लूना का प्रचार-प्रसार भी शामिल है। ई-लूना जनवरी में पेश की गई थी। काइनेटिक ग्रीन ने वैश्विक स्तर पर भी विस्तार की योजना बनाई है। कंपनी इटली की कार विनिर्माता लैंबोर्गिनी के सहयोग से प्रीमियम गोल्फ कार्ट रेंज पेशकश करने जा रही है।
जीपीसी के निवेश में इक्विटी शेयर, परिवर्तनीय तरजीही शेयर और डिबेंचर शामिल हैं। जीपीसी के प्रबंध निदेशक और भारत के सह-प्रमुख नंदन देसाई काइनेटिक ग्रीन के निदेशक मंडल में शामिल होंगे। कंपनी कुछ अन्य निवेशकों के साथ भी बातचीत कर रही है ताकि इस साल के अंत तक अतिरिक्त 1.5 करोड़ डॉलर हासिल कर सके।
काइनेटिक ग्रीन की संस्थापक और मुख्य कार्य अधिकारी सुलज्जा फिरौदिया मोटवानी ने कहा, ‘ग्रेटर पैसिफिक कैपिटल के साथ यह करार काइनेटिक ग्रीन के लिए काफी महत्त्वपूर्ण क्षण है। इस निवेश से हमें अपनी क्षमताओं को मजबूत करने, शून्य उत्सर्जन परिवहन को बल देने और भारत के महत्त्वाकांक्षी ऊर्जा परिवर्तन लक्ष्यों को हासिल करने में मदद मिलेगी।’
जीपीसी के संस्थापक और मुख्य कार्य अधिकारी केतन पटेल ने कहा, ‘भारत का सफल ऊर्जा परिवर्तन दुनिया के नेट जीरो लक्ष्यों के लिहाज से महत्त्वपूर्ण है। ई-लूना जैसे मॉडलों के साथ काइनेटिक ग्रीन भारत की बड़ी, युवा और बढ़ती आबादी को नवोन्मेषी इलेक्ट्रिक वाहन मुहैया कराने के लिए अच्छी स्थिति में है। हम काइनेटिक ग्रीन को उनके कारोबार को और तेजी से बढ़ाने और भारत के ऊर्जा परिवर्तन आगे बढ़ाने की दिशा में मदद करने के लिए उत्साहित हैं।’
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की पहुंच अब करीब 6 फीसदी होने जा रही है। इलेक्ट्रिक दोपहिया और तीन पहिया वाहनों को तेजी से अपनाने से वृद्धि को बल मिल सकता है और अनुकूल सरकारी नीतियों से साल 2030 तक इसके 30 फीसदी पहुंच जाने की उम्मीद है। काइनेटिक ग्रीन का मकसद इस बदलाव का नेतृत्व करना है। कंपनी अपने डीलरशिप नेटवर्क का विस्तार कर रही है और आने वाले वर्षों में 1 लाख से अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री का लक्ष्य लेकर चल रही है।
बिजनेस-टु-बिजनेस स्वास्थ्य देखभाल फाइनैंसिंग कंपनी हेल्थक्रेड ने बताया कि उसने एंटलर इंडिया, टीआरटीए वीसी, डीवीसी, आईसीड वीसी और ऐंजल लिस्ट इंडिया से शुरुआती दौर में 12 लाख डॉलर जुटाए हैं।
फंडिंग के इस दौरान इंटरनेट ऐंड मोबाइस एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. शुभ रॉय, यूनि कार्ड्स के मुख्य कार्य अधिकारी नितिन गुप्ता व अन्य बड़े निवेशकों की भागीदारी देखी गई। कंपनी इस रकम का उपयोग दक्षिण और पश्चिम भारत में अपने परिचालन विस्तार में करेगी।
इसके अलावा, शुरुआती पूंजी का उपयोग नई भर्तियां करने, बीटुबी ऋण शुरू करने और ऋण प्रबंधन प्रणाली तैयार करने में किया जाएगा। मार्केट इटेंलिजेंस प्लेटफॉर्म ट्रैक्सन के आंकड़ों के मुताबिक रकम जुटाने के बाद दिल्ली की इस कंपनी का मूल्यांकन 1.3 करोड़ डॉलर हो गया है।