facebookmetapixel
रूसी तेल पर पश्चिमी देशों का दोहरा रवैया, अमेरिकी दबाव के बीच जयशंकर का पलटवारकोयला मंत्रालय ने भूमिगत कोयला गैसीकरण के लिए मसौदा दिशानिर्देश जारी किएबीमा क्षेत्र की बिक्री बढ़ी पर शुरुआती चुनौतियांइलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम के तहत 5,532 करोड़ रुपये की 7 परियोजनाएं मंजूरडायरेक्ट असाइनमेंट को बैंकों से वरीयता मिलने की संभावनासरकारी बैंकों में विदेशी निवेश 49% तक बढ़ाने की तैयारी, सरकार खोल सकती है दरवाजेलगातार तीन तिमाहियों की बढ़त के बाद कारोबारी धारणा में गिरावटसेबी ने मिल्की मिस्ट डेयरी फूड, क्योरफूड्स इंडिया समेत 5 आईपीओ को मंजूरी दीऋण के सार्वजनिक निर्गम में चुनिंदा निवेशकों को प्रोत्साहन पर विचारDollar vs Rupee: आयातकों की लगातार डॉलर मांग से रुपये में कमजोरी

कोकिंग कोल खदान परिचालन का मौका मिला तो करेंगे विचार, JSW Steel के CEO ने बताई कंपनी की रणनीति

इस महीने की शुरुआत में जेएसडब्ल्यू स्टील ने एम रेस एनएसडब्ल्यू में 66.67 प्रतिशत हिस्सेदारी के अधिग्रहण की घोषणा की थी।

Last Updated- August 25, 2024 | 9:52 PM IST
Cheap imports from China, ASEAN countries are our big concern, JSW Steel CEO discusses Q1FY25 results in interview चीन, आसियान देशों से सस्ता आयात हमारी बड़ी चिंता, JSW Steel के CEO ने Interview में की Q1FY25 Results पर चर्चा
Jayant Acharya, JSW Steel Joint Managing Director And Chief Executive Officer

जेएसडब्ल्यू स्टील दो अंतरराष्ट्रीय कोकिंग कोयला परिसंपत्तियों में निवेश की घोषणा के बाद भी अपने तेजी से बढ़ रहे इस्पात व्यवसाय के लिए कच्चा माल सुनिश्चित करने की योजना के तहत एक चालू खदान की तलाश जारी रख सकती है। लेकिन शर्त यह है कि यह वाणिज्यिक और रणनीतिक रुप से ठीक होना चाहिए।

इस महीने की शुरुआत में जेएसडब्ल्यू स्टील ने एम रेस एनएसडब्ल्यू में 66.67 प्रतिशत हिस्सेदारी के अधिग्रहण की घोषणा की थी। एम रेस एनएसडब्ल्यू ‘साउथ32 लिमिटेड’ के इलावरा मेटलर्जिकल कोल व्यवसाय को अधिग्रहित करने के लिए गठित संयुक्त उपक्रम में 30 प्रतिशत हिस्सेदारी की मालिक है। शुरुआती निवेश 12 करोड़ डॉलर है।

इलावरा मेटलर्जिकल कोल एक प्रमुख कोकिंग कोयला परिचालन खदान है। इसकी परिसंपत्तियों में न्यू साउथ वेल्स (आस्ट्रेलिया) में एप्पिन और डेंड्रोबियम कोकिंग कोयला खदानें शामिल हैं। इन खदानों का कुल बिक्री योग्य भंडार करीब 9.9 करोड़ टन प्राइम हार्ड कोकिंग कोयला है।

जेएसडब्ल्यू स्टील में संयुक्त प्रबंध निदेशक (MD) और मुख्य कार्याधिकारी (CEO) जयंत आचार्य ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘कोकिंग कोयला परिसंपत्ति में जेएसडब्ल्यू की स्वामित्व भागीदारी करीब 20 प्रतिशत होगी। इससे हमें 12 लाख टन प्रीमियम हार्ड कोकिंग कोयला मिलेगा जिसे अपने इस्पात निर्माण परिचालन के लिए हम भारत लाएंगे।’

उन्होंने कहा, ‘यह प्रीमियम हार्ड कोकिंग कोयले की अच्छी गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए हमारी रणनीति का हिस्सा है जिससे हमें अन्य कोयले के मिश्रण में मदद मिलेगी।’ जेएसडब्ल्यू की मौजूदा कोकिंग कोयला जरूरत लगभग 1.4-1.5 करोड़ टन है। प्रीमियम हार्ड कोकिंग कोयले की जरूरत करीब 50 लाख टन है। वित्त वर्ष 2031 तक भारत की क्षमता 5 करोड़ टन हो जाएगी। ऐसे में कुल कोकिंग कोयले की आवश्यकता 2.1-2.2 करोड़ टन पर पहुंच जाएगी और प्रीमियम हार्ड कोकिंग कोयले की जरूरत 65 लाख से 70 लाख टन होगी।

मई में जेएसडब्ल्यू स्टील के बोर्ड ने मिनास डी रिवूबो लिमिटाडा (एमडीआर) के अधिग्रहण को मंजूरी दी थी। एमडीआर मोजांबिक के टेटे प्रांत के मोआताइज बेसिन में प्रीमियम हार्ड कोकिंग कोयला खदान परियोजना है। कंपनी के अनुसार यह वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ी प्री-डेवलपमेंट स्टेज प्रीमियम हार्ड कोकिंग कोल परियोजनाओं में से एक है और इसमें 80 करोड़ टन से अधिक का भंडार है।

आचार्य ने कहा, ‘खदान में अच्छी संभावनाएं हैं। लेकिन इसे चालू होने में समय लगेगा। अभी जरूरी मंजूरियां मिलनी बाकी हैं। यह एक प्रमुख हार्ड कोकिंग कोल परिसंपत्ति भी है और इससे हमें इस ग्रेड में कोकिंग कोल का बड़ा हिस्सा सुरक्षित करने में मदद मिलेगी।’

First Published - August 25, 2024 | 9:41 PM IST

संबंधित पोस्ट