वस्तु एवं सेवा कर (GST) परिषद की आगामी बैठक में ऑनलाइन गेमिंग गतिविधियों पर राज्यों की समिति की रिपोर्ट पर चर्चा होने की संभावना नजर नहीं आ रही है, क्योंकि इस मसले पर व्यापक विमर्श की जरूरत है। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को यह जानकारी दी है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में ताकतवर परिषद की बैठक 18 फरवरी को होनी है। बहरहाल यह भी संभावना बन रही है कि तय तिथि में कुछ बदलाव किया जाए, क्योंकि कुछ राज्यों ने कई वजहों से तारीख में बदलाव की बात कही है।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक परिषद एक अन्य समिति की रिपोर्ट पर विचार करेगी, जो जीएसटी संबंधी विवादों के लिए अपीली प्राधिकरण स्थापित करने के लिए दी गई है।
हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की अध्यक्षता में बने मंत्रिसमूह (जीओएम) ने अपीली पंचाट गठित किए जाने के मसले पर अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है। इसमें सिफारिश की गई है कि हर पीठ में एक अध्यक्ष, 2 न्यायिक सदस्य, एक तकनीकी सदस्य (केंद्र) व एक तकनीकी सदस्य (राज्य) होना चाहिए।
जीओएम ने तकनीकी सदस्यों की नियुक्ति में अनुभव के मानक में छूट देने को लेकर भी राज्यों के साथ सहमति जताई है।
इसके अलावा समिति शार्पनर सहित कुछ स्टेशनरी सामान पर शुल्क में बदलाव करने पर भी विचार कर सकती है।
परिषद की पिछली बैठक दिसंबर में हुई थी। समिति ने वक्त कम होने की वजह से राज्य पैनल की 2 रिपोर्टों पर चर्चा टाल दी थी, जिसमें अपीली पंचाट के ढांचे पर दी गई रिपोर्ट और पान मसाला व गुटखा पर क्षमता पर आधारित कर लगाने की सिपारिशें हैं। ऑनलाइन गेमिंग पर मंत्रिपरिषद की दूसरी रिपोर्ट को काउंसिल के एजेंडे में शामिल नहीं किया गया था, क्योंकि वह परिषद की बैठक के ठीक पहले प्रस्तुत की गई थी।
ऑनलाइन गेमिंग के मालमे में मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा की अध्यक्षता में बनी समिति मूल्यांकन को लेकर सहमति नहीं बना सकी थी,जिस पर कर लागू होना है।
सूत्रों ने कहा कि हालांकि पैनल इसे 28 प्रतिशत कर के दायरे में लाने पर सहमत है, लेकिन शुद्ध राशि पर लेवी लगाने या सकल गेमिंग राजस्व (जीजीआर) पर कर लगाने को लेकर फैसला नहीं हुआ है। जीजीआर विजेताओं को धन के भुगतान के पहले कैसिनो और ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों द्वारा एकत्र कुल राशि होती है।