ऐसे समय में वैश्विक जब मंदी की मार से हलकान कंपनियां अपनी भर्तियों को लेकर फूंक-फूंक कर कदम उठा रही हैं,
भारतीय प्रबंधन संस्थान-अहमदाबाद (आईआईएम-ए) छात्रों के लिए मौजूदा लैटरल प्लेसमेंट के लिए कंपनियों को अपनी ओर आकर्षित करने की हरसंभव कोशिश में जुट गया है। संस्थान ने लैटरल प्लेसमेंट के दौरान अपनी प्लेसमेंट प्रक्रिया को कंपनियों के अनुकूल बनाया है।
आईआईएम-ए में प्लेसमेंट समन्वयक मिहिर लाल ने कहा, ‘हम प्लेसमेंट शुल्क ढांचे में बदलाव कर रहे हैं और इसे कंपनियों के लिए और अधिक अनुकूल बना रहे हैं। हम अपने कैम्पस में कई नई कंपनियों को भी आमंत्रित कर रहे हैं।
हम छात्रों की बेहतरी के लिए अंतरराष्ट्रीय बैंकों और कंसल्टिंग फर्मों जैसे क्षेत्रों से बाहर भी नई एवं चुनौतीपूर्ण भूमिकाएं तलाशने को इच्छुक हैं। हालांकि ये कंपनियां लंबे समय से हमारे भर्ती भागीदारों में बनी हुई हैं, लेकिन हम अपने छात्रों के लिए नए क्षेत्र और नई कंपनियों की तलाश कर रहे हैं।’
पिछले साल के लैटरल प्लेसमेंट में जिन निजी इक्विटी, कंसल्टिंग, प्रौद्योगिकी एवं लॉजिस्टिक जैसे क्षेत्रों की कंपनियों ने पहली बार दस्तक दी थी और इस साल भी ये कंपनियां हमारे कैम्पस का दौरा कर रही हैं। आईआईएम-ए में लैटरल प्लेसमेंट प्रक्रिया लगभग दो महीने की अवधि तक चलेगी।
संस्थान के कुल छात्रों में से लगभग 45 फीसदी या तकरीबन 120 छात्र लैटरल प्लेसमेंट के लिए योग्य होंगे। इन योग्य छात्रों की भागीदारी इस साल पिछले साल के 40 फीसदी की तुलना में 5 फीसदी अधिक है।
पिछले साल लगभग 112 छात्रों ने लैटरल प्लेसमेंट में भाग लिया था। हालांकि इस बार संस्थान छात्रों को की जाने वाली वेतन पेशकश को लेकर चुप्पी साधे हुए है। पिछले साल यह पेशकश 18.3 लाख रुपये रही थी।