सरकार ने भारतीय ग्राहकों को हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड सेवा उपलब्ध कराने में वनवेब (एयरटेल के सीईओ सुनील मित्तल के नेतृत्व में एक कंसोर्टियम) और एलन मस्क की स्टारलिंक जैसी वैश्विक उपग्रह संचार कंपनियों को समर्थ बनाने के लिए डेटा स्पीड पर कृत्रिम सीमा को हटा दिया है। पहले यह सीमा 2 एमबीपीएस से 4 एमबीपीएस के दायरे में रखी गई थी।
यह नई तकनीक लो अर्थ ऑर्बिट (एलईओ) यानी पृथ्वी की निचली कक्षा में मौजूद उपग्रह पर आधारित है जिसका इस्तेमाल दोनों कंपनियां कर रही हैं। अब ये कंपनियां 5 जीबीपीएस स्पीड की ब्रॉडबैंड सेवाओं की पेशकश कर सकती है। इसके अलावा वे 5जी मोबाइल स्पीड के करीब आने के लिए अनुसंधान एवं विकास पर पहले से ही काम कर रही हैं। स्टारलिंक ने अमेरिका में अपने कुछ ग्राहकों को करीब 150 एमबीपीएस स्पीड के साथ बीटा सेवाएं उपलब्ध कराना शुरू कर दिया है। कथित तौर पर कंपनी जल्द ही उस स्पीड को दोगुना करने की योजना बना रही है।
दूरसंचार विभाग के अंतर्गत दूरसंचार इंजीनियरिंग सेवा केंद्र (टीईसी) द्वारा जारी संचार एवं प्रसारण नेटवर्क के लिए इंटरफेस आवश्यकताओं के मानकों में हालिया संशोधन ने कम डेटा स्पीड के पारंपरिक विनियमन को खत्म कर दिया है। यह देश में मौजूद सभ्भी उपग्रह संचार सेवा कंपनियों पर लागू होता है।
वनवेब ने भारत में उपग्रह सेवाओं के परिचालन के लिए लाइसेंस का आवेदन किया है और वह दुनिया भर में 648 उपग्रहों का एक नेटवर्क तैयार कर रही है। स्टारलिंक ने दुनिया भर में 1,000 उपग्रहों के लिए योजना बनाई है और उसने भी भारतीय बाजार में उतरने की मंशा जताई है।
टीईसी में संशोधन से उपग्रह संचार सेवा प्रदाता ब्रॉडबैंड और डायरेक्ट टु होम (डीटीएच) संबंधी प्रसारण सेवाओं के लिए 27 गीगाहट्र्ज से 40 गीगाहट्र्ज (फिलहाल उन्हें केवल सी और केयू बैंड का उपयोग करने की अनुमति है) के बीच हाई-स्पीड बैंड का उपयोग करने में समर्थ होंगे। यह कंपनियों को हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड सेवाएं उपलब्ध कराने और डीटीएच ऑपरेटरों को कहीं अधिक चैनल एवं बेहतर हाई-रिजॉल्यूशन डिस्प्ले उपलब्ध कराने में मदद करेगी।
उपग्रह कंपनियों की प्रतिनिधि संस्था ब्रॉडबैंड इंडिया फोरम के अध्यक्ष टीवी रामचंद्रन ने कहा, ‘सरकार के इस कदम से अंतिम उपभोक्ताओं को हाई ब्रॉडबैंड स्पीड, बेहतर गुणवत्ता की सेवा और उच्च क्षमता के रूप में उल्लेखनीय फायदा पहुंचाने में मदद मिलेगी।’ उन्होंने कहा कि डेटा दरों पर पहले जो कृत्रिम सीमाएं लगाई गई थीं वे अब हटा ली गई हैं। इससे उपग्रह प्रौद्योगिकी में कोई नाटकीय बदलाव नहीं दिख रहा था। डेटा स्पीड पर उपग्रह के एंटीना के आकार के आधार पर लगाई गई सीमाओं को भी अब हटा लिया गया है।
एक शीर्ष उपग्रह कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने इस बदलाव की सराहना करते हुए कहा, ‘इन विरासत संबंधी नियमों को हटाने से हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड को काफी फायदा होगा। हम उपग्रह संचार नीति में कहीं अधिक बड़े बदलाव की उम्मीद कर रहे हैं।’
वनवेब 2022 की पहली छमाही में भारतीय बाजार में अपनी सेवाएं शुरू करने की योजना बना रही है।
