दीवाली ऐसा मौका है, जब सिनेमा हॉल उद्योग हमेशा आने वाले समय को लेकर उत्साहित होता है। हालांकि इस साल रुझान अलग रहा है। इस बार दीवाली का सप्ताहांत लंबा होने और यशराज फिल्म जैसे स्टूडियो के लुभावनी पेशकशों के बावजूद सिनेमाघरों में दर्शकों की तादाद कम रही है।
मल्टीप्लेक्स चलाने वालों के साथ बातचीत से पता चला कि निर्माता इस महीने अपनी फिल्में रिलीज करने को लेकर आशंकित हैं। इसके नतीजतन दीवाली के पहले के दो दिन में यानी शुक्रवार या शनिवार को कोई नई फिल्म रिलीज नहीं हुई। इसके बजाय सिनेमाघरों में रविवार को नई फिल्में रिलीज की गईं। यह बॉलीवुड में परिपाटी से हटकर है। मनोज वाजपेयी अभिनीत ‘सूरज पे मंगल भारी’ और एक खास शैली की फिल्म ‘सर’ रविवार को रिलीज हुईं। सूरज पे मंगल भारी एक कॉमेडी-ड्रामा फिल्म है। कार्निवल सिनेमाज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (परिचालन) कुणाल साहनी ने कहा, ‘आम तौर पर निर्माता और वितरक सप्ताह में जल्द अपनी फिल्म रिलीज करने की कोशिश करते हैं ताकि उन्हें विशेष रूप से त्योहार के दौरान लंबे सप्ताहांत का फायदा मिल सके। लेकिन इस साल महामारी के कारण नियम बदल गए हैं। निर्माताओं के अपनी फिल्मों की रिलीज की रफ्तार सुस्त है। हालांकि आगे स्थितियां बेहतर होने की उम्मीद है। दिसंबर का महीना नवंबर से बेहतर रहेगा।’
फिल्म प्रदर्शनी उद्योग के सूत्रों ने कहा कि वॉर्नर ब्रदर्स द्वारा बनाई गई हॉलीवुड फिल्म टेनेट भारत में अगले महीने रिलीज की जा सकती है। हॉलीवुड के इस स्टूडियो के इस फिल्म की रिलीज की तारीख इस सप्ताह घोषित करने की संभावना है।
हिंदी फिल्मों में बंटी और बबली 2, पिंकी और संदीप फरार अगले महीने रिलीज हो सकती हैं। फिल्म कारोबार विश्लेषक कोमल नाहटा ने कहा, ‘ये बड़ी रिलीज हैं, मगर ब्लॉकबस्टर नहीं हैं।’ उन्होंने कहा, ‘ब्लॉकबस्टर के लिए बड़ी तादाद में दर्शकों का आना जरूरी है, इसलिए उनके कैलेंडर वर्ष 2020 में रिलीज होने के आसार नहीं हैं। ब्लॉकबस्टर 2021 में आएंगी, जब लोगों में विश्वास का स्तर अधिक होगा।’
सिनेमा हॉल उद्योग के सूत्रों ने संकेत दिया कि अक्षय कुमार अभिनीत सूर्यवंशी और दीपिका पडुकोणे तथा रणवीर सिंह अभिनीत 83 अगले साल फरवरी और मार्च के बीच रिलीज होंगी। सलमान खान अभिनीत राधे को अगले साल ईद पर रिलीज किया जाएगा। वहीं लाल सिंह चड्ढा को 2021 के क्रिसमस पर रिलीज किया जाएगा।
इस क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि सिनेमाघर अपनी क्षमता के 50 फीसदी लोगों को ही फिल्म दिखा सकते हैं। ऐसे में बड़ी फिल्मों को दोगुने थियेटरों में दिखाना होगा या शोज की संख्या दोगुनी करनी होगी। इससे वितरकों के लिए अपने बजट को नियंत्रित रखना मुश्किल हो जाएगा। इस वजह से निर्माता इस साल अपनी ब्लॉकबस्टर फिल्में रिलीज करने के इच्छुक नहीं हैं।
पीवीआर सिनेमाज के मुख्य कार्याधिकारी गौतम दत्ता ने कहा था , ‘हमें न केवल उम्मीद है बल्कि हम इसे लेकर सकारात्मक भी हैं कि आगामी महीनों में स्थितियां सुधरेंगी।’ दत्ता ने कहा, ‘इस समय स्थितियां तेजी से बदल रही हैं। लोगों में भरोसा धीरे-धीरे बहाल होने और नई सामग्री आनी शुरू होने में तीन से चार सप्ताह लग सकते हैं।’
