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अगले साल तक चिपों की किल्लत: बॉश

Last Updated- December 12, 2022 | 4:36 AM IST

इंजीनियरिंग व टेक्नोलॉजी कंपनी बॉश ने कहा है कि वैश्विक स्तर पर सेमीकंडक्टर या चिप की कमी है और इसका असर भारत समेत पूरी दुनिया पर पड़ा है। बॉश के प्रबंध निदेशक सौमित्र भट्टाचार्य ने दोहराया कि चिप की किल्लत कार बाजार को प्रभावित करेगी और साल 2022 तक ऐसे सख्त हालात बने रह सकते हैं। कुछ दिन पहले कंपनी के सीईओ वी. डेनर ने भी यही बात कही थी।

भट्टाचार्य ने कहा, चिप की किल्लत वास्तविकता है और यह दुनिया भर के बाजारोंं को प्रभावित कर रहा है, न कि सिर्फ भारत को। हमारे जैसे टियर-1 आपूर्तिकर्ता और हमारे प्रतिस्पर्धी ईसीयू पर निर्भर हैं, जिसकी आपूर्ति टियर-1 विनिर्माता कर रहे हैं। लेकिन हमें याद रखना चाहिए कि ऐसे ज्यादातर चिप का इस्तेमाल गैर-वाहन क्षेत्रोंं

मसलन इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों में होता है, जहां मांग में बढ़ोतरी देखी गई है।

चिप की किल्लत के कारण आपूर्ति शृंखला पर पड़ रहे असर पर सहमति जताते हुए भट्टाचार्य ने कहा कि कैलेंडर वर्ष 2021 में स्थिति चुनौतीपूर्ण बनी रहेगी। उन्होंने यह भी कहा कि वश्विक स्तर पर कंपनी ने विनिर्माताओं के साथ मसले दूर करने के लिए रकम झोंकी है, लेकिन हम चुनौती दूर नहीं कर पाए हैं। कम से कम भारत में आंशिक क्षमताएं पूरी कर ली गई हैं। अन्य क्षेत्रों में ओईएम को कामकाज बंद करना पड़ा है। वाहन उद्योग के भविष्य के परिदृश्य पर उन्होंने कहा, वाहन उद्योग इस साल के शुरू तक खुद को सुधार की राह पर देख रहा था और बॉश लिमिटेड के सकारात्मक नतीजे इसे सही साबित कर रहा है। हालांकि कोरोना की दूसरी लहर ज्यादा गंभीर रही है, ऐसे में बाजार में स्पष्ट तौर पर अनिश्चितता है। चूंकि हमारा 80 फीसदी से ज्यादा राजस्व मोबिलिटी बिजनेस से आता है, ऐसे में हमारे ऊपर प्रतिकूल असर पड़ा है। मांग में घटबढ़, आपूर्ति शृंखला का संकट और उपभोक्ताओंं के बदलते व्यवहार का प्रबंधन करना चुनौती होगी।

इसके अलावा कंपनी ने वित्त वर्ष 22 के लिए कई साल में पहली बार पूंजीगत खर्च की योजना में कमी देखी। कंपनी वित्त वर्ष 22 में 200 करोड़ रुपये का पूंजीगत खर्च करेगी। विगत में कंपनी का पूंजीगत खर्च 350-500 करोड़ रुपये के दायरे में रहा है।

चौथी तिमाही में शुद्ध लाभ छह गुना बढ़ा

वाहन कलपुर्जा निर्माता प्रमुख कंपनी बॉश की बिक्री में भारी वृद्धि के चलते 31 मार्च, 2021 को समाप्त चौथी तिमाही में उसका एकीकृत शुद्ध मुनाफा छह गुना बढ़कर 482 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।  इससे पहले 2019-20 की जनवरी से मार्च तिमाही के दौरान कंपनी को 81 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था। कंपनी ने कहा कि चौथी तिमाही में उसकी परिचालन आय बढ़कर 3,218 करोड़ रुपये हो गई जो वित्त वर्ष 2019-20 की इसी अवधि में 2,237 करोड़ रुपये थी। पूरे वित्त वर्ष 2020-21 में कंपनी ने 481 करोड़ रुपये का एकीकृत शुद्ध लाभ दर्ज किया  जबकि वित्त वर्ष 2019-20 में उसे 650 करोड़ रुपये का एकीकृत शुद्ध मुनाफा हुआ था। परिचालन राजस्व इस दौरान 9,716 करोड़ रुपये रहा जो कि वित्तवर्ष 2019-20 में 9,842 करोड़ रुपये था।     एजेंसियां

First Published - May 20, 2021 | 9:22 PM IST

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