facebookmetapixel
Gold-Silver Outlook: सोना और चांदी ने 2025 में तोड़े सारे रिकॉर्ड, 2026 में आ सकती है और उछालYear Ender: 2025 में आईपीओ और SME फंडिंग ने तोड़े रिकॉर्ड, 103 कंपनियों ने जुटाए ₹1.75 लाख करोड़; QIP रहा नरम2025 में डेट म्युचुअल फंड्स की चुनिंदा कैटेगरी की मजबूत कमाई, मीडियम ड्यूरेशन फंड्स रहे सबसे आगेYear Ender 2025: सोने-चांदी में चमक मगर शेयर बाजार ने किया निराश, अब निवेशकों की नजर 2026 पर2025 में भारत आए कम विदेशी पर्यटक, चीन और दक्षिण-पूर्व एशिया वीजा-मुक्त नीतियों से आगे निकलेकहीं 2026 में अल-नीनो बिगाड़ न दे मॉनसून का मिजाज? खेती और आर्थिक वृद्धि पर असर की आशंकानए साल की पूर्व संध्या पर डिलिवरी कंपनियों ने बढ़ाए इंसेंटिव, गिग वर्कर्स की हड़ताल से बढ़ी हलचलबिज़नेस स्टैंडर्ड सीईओ सर्वेक्षण: कॉरपोरेट जगत को नए साल में दमदार वृद्धि की उम्मीद, भू-राजनीतिक जोखिम की चिंताआरबीआई की चेतावनी: वैश्विक बाजारों के झटकों से अल्पकालिक जोखिम, लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूतसरकार ने वोडाफोन आइडिया को बड़ी राहत दी, ₹87,695 करोड़ के AGR बकाये पर रोक

इंटरनेट की दुनिया से आई सस्ती कॉल की घंटी

Last Updated- December 07, 2022 | 6:03 PM IST

इंटरनेट टेलीफोनी को लेकर आज कल मुल्क के कारोबारी और तकनीकी हलकों में हंगामा मचा हुआ है। वजह है, भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की  इंटरनेट टेलीफोनी को कानूनी जामा पहनाने की सिफारिश।


अगर सरकार ने ट्राई की सिफारिश मान ली, तो इससे आप इंटरनेट के सहारे काफी कम कीमतों में ही कॉल कर पाएंगे। लेकिन देसी टेलीकॉम कंपनियां इस कदम का सख्त विरोध कर रही हैं।

क्या बला है यह?

इंटरनेट टेलीफोनी में इस्तेमाल होता है वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल का। इसमें आवाज को पहले बिजली की तरंगों में बदला जाता है। फिर इसे बदला जाता है डिजीटल तरंगों में, जिसे छोटे-छोटे डेटा पैकेट्स में तब्दील कर इंटरनेट के पैकेट स्विच्ड नेटवर्क के सहारे एक जगह से दूसरे जगह पर भेजा जाता है।

आपने मुल्क में अभी इसकी मदद से विदेशों में कॉल करने की इजाजत तो है, लेकिन इससे देश के भीतर मोबाइल या बेसिक फोन पर कॉल करना गैरकानूनी है।

फायदे ही फायदे

विश्लेषकों का कहना है कि इंटरनेट टेलीफोनी में कई सारे फायदे हैं, लेकिन इसका बड़ा फायदा यही है कि इसकी वजह से आपका फोन बिल काफी कम हो जाएगा। इसकी पहली वजह यह है कि इसमें आज की तारीख में काफी सारी बैंथविथ का अपने मुल्क में काफी कम इस्तेमाल हो रहा है। इसकी मदद से टेलीकॉम ऑपरेट्स स्विचिंग प्वाइंट्स को जोड़ते हैं। इससे उनकी लागत काफी कम हो जाती है।

खामियां भी हैं

इंटरनेट टेलीफोनी में कई लोगों की मानें तो इसमें खामियां भी कम नहीं हैं। पहली खामी तो यही है कि इसमें कई बार वॉयस पैकेट बीच राह में से ही गायब हो जाते हैं। साथ ही, अपने मुल्क में इस वक्त नेटवर्क में अक्सर जाम लगा रहते हैं।

वजह है, जरूरत से काफी कम बैंथविथ का होना। लेकिन इसकी सबसे बड़ी खामी तो यह है कि अपने मुल्क में इंटरनेट सेवा प्रदाता कंपनियों को आपकी कॉल को बेसिक या मोबाइल फोन से कनेक्ट करने के लिए उस कंपनी को मोटी रकम चुकानी पड़ेगी।

First Published - August 21, 2008 | 10:59 PM IST

संबंधित पोस्ट