भारतीय आईटी उद्योग की वृद्धि दर गिरकर एक अंक में निचले स्तर पर पहुंचने की वजह से साल 2026 तक 350 अरब डॉलर का उद्योग बनने की महत्वाकांक्षा मुश्किल दिख रही है। वित्त वर्ष 24 में भारतीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र 253.9 अरब डॉलर तक पहुंचने के आसार हैं, जो सालाना आधा पर 3.8 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है। पिछले वित्त वर्ष में यह वृद्धि दर 8.4 प्रतिशत थी।
वृद्धि की यह धीमी रफ्तार राजस्व के इजाफे में भी दिख रही है। वित्त वर्ष 23 में वृद्धिशील राजस्व बढ़ोतरी 19 अरब डॉलर थी, जो वित्त वर्ष 24 में घटकर 9.3 अरब डॉलर रह गई है। नैशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर ऐंड सर्विसेज कंपनीज (नैसकॉम) की रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक स्तर पर साल 2023 के दौरान तकनीकी खर्च में तकरीबन 50 प्रतिशत की और तकनीकी अनुबंधों में छह प्रतिशत की गिरावट आई है।
साल 2026 तक 350 अरब डॉलर के लक्ष्य के संबंध में नैसकॉम की अध्यक्ष देवयानी घोष ने कहा कि वे आंकड़ों पर फिर से विचार कर रहे हैं। उन्होंने आभासी संवाददाता सम्मेलन में कहा कि साल 2023 के प्रदर्शन और इस आधार पर कि साल 2024 का समापन किस तरह होता है, हम यह अंजाजा फिर से करना चाहते हैं और देखना चाहते हैं कि हम कहां पहुंचते हैं।
नैसकॉम की रिपोर्ट के अनुसार भारत दुनिया का सबसे बड़ा आपूर्ति केंद्र बना हुआ है, जिसने डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के जरिये देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में एक प्रतिशत का योगदान दिया है।
नैसकॉम के चेयरपर्सन और कॉग्निजेंट के सीएमडी राजेश नांबियार ने कहा कि अच्छी खबर यह है कि उद्योग ने लगातार विकास किया है, लेकिन वह इस बात से सहमत हैं कि वित्त वर्ष 24 की वृद्धि धीमी है। उन्होंने कहा कि भले ही यह साल पिछले कुछ वर्षों की तुलना में थोड़ा नरम रहा हो, लेकिन फिर भी मेरा मानना है कि हमारा प्रदर्शन दमदार है और हमारा व्यापक दृष्टिकोण काफी सकारात्मक है।
नैसकॉम ने अपनी वार्षिक समीक्षा में कहा कि चालू वित्त वर्ष में कुल निर्यात राजस्व वृद्धि में अकेले इंजीनियरिंग शोध एवं विकास (ईआरऐंडडी) क्षेत्र की हिस्सेदारी 48 प्रतिशत रहने वाली है। नरमी के बावजूद भारतीय प्रौद्योगिकी उद्योग कौशल उन्नयन पर खासा ध्यान देने की वजह से शुद्ध रूप से नौकरी देने वाला बना हुआ है। उद्योग को वित्त वर्ष 24 में 60,000 नौकरियां जुड़ने की उम्मीद है।