सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सेवा कंपनियां लगातार आला दर्जे की कंपनियों का अधिग्रहण कर रही हैं। इनमें ज्यादातर इंजीनियरिंग अनुसंधान और विकास (ईआरऐंडडी) की कंपनियां शामिल हैं क्योंकि यह अधिक विकास वाला ऐसा क्षेत्र है जो राजस्व के नए स्रोत पैदा करने के अवसर दे रहा है।
इस सप्ताह की शुरुआत में कॉग्निजेंट ने 1.3 अरब डॉलर में बेल्कन का अधिग्रहण और इस साल की शुरुआत में इन्फोसिस ने 48 करोड़ डॉलर में इन-टेक का और 3.4 करोड़ डॉलर में इनसेमी का दोहरा अधिग्रहण किया जो इस रुझान के स्पष्ट संकेतक हैं।
कॉग्निजेंट के मुख्य कार्य अधिकारी रवि कुमार एस ने कहा, ‘हमारा मानना है कि बेल्कन के अधिग्रहण से बड़े और तेजी से बढ़ते इंजीनियरिंग आरऐंडडी सेवाओं के बाजार में कॉग्निजेंट की स्थिति मजबूत होगी।’ इन्फोसिस के कार्यकारी उपाध्यक्ष और को-डिलिवरी प्रमुख दिनेश राव ने अधिग्रहण के समय कहा था कि डिजिटल इंजीनियरिंग में दशकों के अनुभव के साथ इन्फोसिस अपने इंजीनियरिंग आरऐंडडी की अग्रणी स्थिति मजबूत बनाए हुए है।
इन-टेक, इन्फोसिस टोपाज और हाल में इनसेमी की सेमीकंडक्टर विशेषज्ञता हासिल करने के साथ ही हमने सॉफ्टवेयर-परिभाषित वाहनों के क्षेत्र में ऑटोमोटिव नवोन्मेष के अगले चरण के लिए सफलतापूर्वक गहन क्षमता बना ली है। विश्लेषकों ने उन कई फायदों की ओर इशारा किया, जो आईटी कंपनियों को इन अधिग्रहणों से मिलता है।
जिनोव के अध्यक्ष सिद्धांत रस्तोगी ने कहा, ‘इसके प्राथमिक फायदों में अत्याधुनिक इंजीनियरिंग आरऐंडडी क्षमताओं तक पहुंच शामिल है, जो कारोबार की मजबूती बढ़ाने, भविष्य के राजस्व के स्रोतों को आकार देने तथा सॉफ्टवेयर और डेटा-संचालित दुनिया में प्रतिस्पर्धी बढ़त बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण होती हैं। इससे अधिक वृद्धि वाले इंजीनियरिंग आरऐंडडी क्षेत्र में विस्तार आसान होता है।
पारंपरिक आईटी सेवाओं में दो प्रतिशत की स्थिर वृद्धि के मुकाबले इसमें 10 प्रतिशत की मजबूत वार्षिक वृद्धि दर की संभावना है। इसमें अधिक मूल्यांकन मिलता है क्योंकि पर्याप्त इंजीनियरिंग आरऐंडडी पोर्टफोलियो वाली कंपनियों को बाजार से बेहतर मूल्यांकन मिलता है।’ बेन ऐंड कंपनी के साझेदार संदीप नायक भी इस बात से सहमत हैं।