भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीAI) ने जीवन और गैर जीवन बीमा कंपनियों दोनों के कमीशन सहित प्रबंधन के व्यय (ईओएम) को लेकर मसौदा (एक्सपोजर ड्राफ्ट) जारी किया है। यह मसौदा नियमन समीक्षा समिति (आरआरसी) की सिफारिशों के आधार पर तैयार किया गया है।
बीमा नियामक ने परिषदों को निर्देश दिया है कि वे एक आरआरसी का गठन करें, जिसमें सभी हिस्सेदार समूहों के प्रतिनिधि शामिल हों। इसका मकसद कारोबार सुगमता को बढ़ावा देना और नियमन को सरल बनाना है, जिससे वे अधिक प्रभावी हो सकें।
मसौदे में जनरल इंश्योरेंस और एकल स्वास्थ्य बीमा कंपनियों के प्रबंधन व्यय की सीमा क्रमशः 30 प्रतिशत और 35 प्रतिशत बरकरार रखी है।
मसौदे में नियामक ने कहा है कि जीवन बीमाकर्ताओं को साल के दौरान मिलने वाले सभी एकल प्रीमियम पर 5 प्रतिशत से अधिक राशि नहीं व्यय करनी चाहिए। साथ ही समूह शुद्ध जोखिम वाली पॉलिसियों पर साल के दौरान प्राप्त सभी एकल प्रीमियम के लिए यह सीमा 10 प्रतिशत रखी गई है।
मसौदे में सभी व्यक्तिगत जोखिम वाली पॉलिसियों के लिए सीमा पहले तय की गई 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत कर दी गई है। एक साल की नवीकरण वाली समूह पॉलिसियों से मिलने वाले प्रीमियम पर यह सीमा 15 प्रतिशत थी।