प्रमुख आईटी कंपनी इन्फोसिस का शुद्ध लाभ 30 जून को समाप्त तिमाही में 8.7 फीसदी बढ़कर 6,921 करोड़ रुपये हो गया। इसे मुख्य तौर पर पिछले कर निर्धारण वर्षों के लिए 327 करोड़ रुपये की ब्याज आय और 101 करोड़ रुपये के शुद्ध कर प्रावधानों के उलटफेर से मदद मिली। एक तिमाही पहले के मुकाबले कंपनी का शुद्ध लाभ 1.6 फीसदी कम रहा।
तिमाही के दौरान कंपनी की आय 7.5 फीसदी बढ़कर 42,279 करोड़ रुपये हो गई। कमजोर वृहद आर्थिक परिदृश्य में भी वित्तीय सेवा एवं विनिर्माण कारोबार में दमदार सौदे मिलने से आय को बल मिला। एक तिमाही पहले के मुकाबले कंपनी की आय में 3.3 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई।
ये दोनों आंकड़े ब्लूमबर्ग के अनुमान से बेहतर हैं। ब्लूमबर्ग के विश्लेषकों ने अनुमान जाहिर किया था कि कंपनी 6,778 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ और 41,724 करोड़ रुपये की आय दर्ज कर सकती है। इन्फोसिस ने 3.8 अरब डॉलर के बड़े सौदे हासिल करने से उत्साहित होकर अपने वृद्धि अनुमान के निचले स्तर को शून्य से बढ़ाकर 1 फीसदी तक कर दिया है। ऊपरी स्तर पर यह अभी पूरे साल के लिए 3 फीसदी है।
कंपनी के मुख्य वित्तीय अधिकारी जयेश संघराजका ने कहा, ‘यह दमदार सौदे हासिल करने वाली तिमाही है। इसने हमें अपने वृद्धि अनुमान के निचले स्तर को बढ़ाने में मदद की है। ऊपरी स्तर पर हम अभी भी अनिश्चितता और अमेरिकी शुल्क के प्रभाव को देख रहे हैं।’
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही भारतीय आईटी कंपनियों के लिए सुस्त रही है, लेकिन इन्फोसिस के आंकड़े सबसे अलग दिखते हैं। डॉलर में आय वृद्धि पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 4.8 फीसदी रही जो केवल एचसीएल टेक के बाद दूसरी सबसे अच्छी वृद्धि है। एचसीएल टेक ने 5.4 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है। मगर स्थिर मुद्रा आधार पर इन्फोसिस 3.8 फीसदी की वृद्धि के साथ सबसे आगे रही जबकि प्रमुख प्रतिस्पर्धी टीसीएस की आय में 3.1 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।
इन्फोसिस ने अमेरिका में बीएफएसआई कारोबार में भी टीसीएस के मुकाबले वृद्धि दर्ज की है। कंपनी के प्रबंधन ने कहा कि अमेरिका में वित्तीय क्षेत्र में वृद्धि विशेष रूप से दमदार है।
इन्फोसिस के मुख्य कार्याधिकारी और प्रबंध निदेशक सलिल पारेख ने कहा, ‘बड़े सौदे काफी अच्छा काम कर रहे हैं। इनमें मेगा सौदे भी शामिल हैं जहां ग्राहक आर्टिफिशल इंटेलिजेंस और ट्रांसफॉर्मेशन पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।’
अमेरिकी शुल्क और व्यापार वार्ता के कारण वृहद आर्थिक परिदृश्य चुनौतीपूर्ण होने के कारण ग्राहक विवेकाधीन खर्च को टालते हुए लागत में कटौती कर रहे हैं। इसलिए आईटी कंपनियों की नजरें बड़े सौदे हासिल करने पर टिक गई हैं। मगर ये सौदे भारी निवेश और तगड़ी प्रतिस्पर्धा के कारण मार्जिन को नुकसान पहुंचाते हैं। इन्फोसिस का परिचालन मार्जिन जून तिमाही में एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 30 आधार अंक घटकर 20.8 फीसदी रह गया। कर्मचारियों की वेतन वृद्धि का भी उस पर असर पड़ा है।
मिरे ऐसेट शेयरखान के अनुसंधान विश्लेषक शाजी नायर ने कहा कि इन्फोसिस ने पहली तिमाही में शानदार आय वृद्धि दर्ज की है जो अनुमान से बेहतर रही। चुनौतीपूर्ण माहौल के बावजूद मार्जिन काफी हद तक अनुमान के अनुरूप रहा। तिमाही के दौरान वित्तीय सेवा में 5.6 फीसदी और विनिर्माण में 12.2 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। स्थिर मुद्रा आधार पर उत्तरी अमेरिका में 0.4 फीसदी और यूरोप में 12.3 फीसदी की वृद्धि हुई।
इन्फोसिस ने पिछली तिमाही के दौरान महज 210 लोगों की नियुक्ति की। जून तिमाही के आखिर में कंपनी के कर्मचारियों की संख्या 323,788 थी। आईटी सेवा में कर्मचारियों के कंपनी छोड़ने की दर 12.7 फीसदी से बढ़कर 14.4 फीसदी हो गई। कंपनी ने कहा कि वह इस वित्त वर्ष में 20,000 नए इंजीनियरिंग स्नातकों की भर्ती करेगी।