Mumbai Pagdi System: मुंबई में बहुत सालों से कई पुरानी पगड़ी यानी सेस इमारतें दोबारा बनने का इंतजार कर रही हैं। अब इसमें बड़ा बदलाव आने वाला है। महाराष्ट्र सरकार इन इमारतों के लिए नए और साफ नियम बनाने जा रही है। इससे किरायेदारों और मकान मालिकों के बीच चल रहे झगड़े कम होंगे और नए घर बनाने का काम जल्दी शुरू हो सकेगा। सरकार का कहना है कि इससे मुंबई के भीड़भाड़ वाले इलाकों में 13 हजार से ज्यादा रुके हुए प्रोजेक्ट्स आगे बढ़ पाएंगे।
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विधानसभा में कहा कि सरकार मुंबई में पगड़ी सिस्टम को धीरे-धीरे खत्म करना चाहती है। इसके लिए सरकार नए और साफ नियम बनाएगी ताकि पुराने घर सही तरीके से दोबारा बनाए जा सकें। इन नियमों में किरायेदारों और मकान मालिकों दोनों के अधिकार सुरक्षित रखे जाएंगे। पगड़ी या सेस इमारतें ज्यादातर 1960 से पहले बनी हुई हैं और आज बहुत खराब हालत में हैं। पुराने कानूनों और कोर्ट के मामलों की वजह से इन इमारतों का पुनर्विकास कई सालों से रुका हुआ है।
सरकार के आंकड़ों के अनुसार मुंबई में करीब 19 हजार पगड़ी इमारतें हैं। इनमें से 13 हजार से ज्यादा इमारतें अभी तक दोबारा नहीं बनाई गई हैं। इन में से कई घर इतने पुराने हो चुके हैं कि वहां रहना खतरनाक है। सरकार का कहना है कि नए नियम आने से इन इमारतों को जल्दी बनाया जा सकेगा और लोगों को सुरक्षित घर मिलेंगे।
पुनर्विकास रुकने की सबसे बड़ी वजह किरायेदारों और मकान मालिकों के बीच पुराने कोर्ट केस हैं। इन झगड़ों को जल्दी सुलझाने के लिए सरकार हाईकोर्ट की अनुमति से फास्ट-ट्रैक अदालतें बनाने की तैयारी कर रही है। इन अदालतों में अगले तीन साल में करीब 28 हजार पुराने मामले निपटाने का लक्ष्य है। इससे कई सालों से चले आ रहे झगड़े खत्म होंगे और रुके हुए प्रोजेक्ट फिर से शुरू हो सकेंगे।
सरकार की योजना है कि किरायेदारों के लिए अलग जगह बनाने के नियम (एफएसआई) होंगे और मकान मालिकों के लिए अलग (एफएसआई)। गरीब पगड़ी किरायेदारों को नया घर बनाने के लिए सरकार अतिरिक्त छूट (एफएसआई) देगी, ताकि उन्हें कोई पैसा न देना पड़े। अगर किसी जगह पर पूरी छूट का इस्तेमाल (एफएसआई) नहीं हो पाता है, तो बची हुई छूट (एफएसआई) को टीडीआर के रूप में दिया जाएगा, जिसे दूसरी जगह इस्तेमाल किया जा सकेगा।
रियल एस्टेट के जानकारों का कहना है कि नए नियम आने से मुंबई में बड़े पैमाने पर पुराने घर दोबारा बनाए जा सकेंगे। एनारॉक ग्रुप के चेयरपर्सन अनुज पुरी के मुताबिक, इन नियमों से काम तेजी से होगा और साल 2030 तक 44 हजार से ज्यादा नए घर बन सकते हैं। सरकार की छूट मिलने से बिल्डरों की कमाई भी ठीक रहेगी, इसलिए वे ऐसे पुराने और मुश्किल प्रोजेक्ट्स में पैसा लगाने के लिए तैयार होंगे।
इस कदम से सबसे ज्यादा फायदा उन लाखों लोगों को होगा, जो कई सालों से टूटे-फूटे और खतरनाक घरों में रह रहे हैं। अगर नए नियम ठीक से लागू हुए, तो इन परिवारों को सुरक्षित घर मिलेंगे और वे अपने घर के मालिक भी बन सकेंगे। इससे मुंबई के पुराने इलाकों की हालत भी बेहतर हो जाएगी।
जानकारों का कहना है कि जब नए घर ज्यादा बनेंगे, तो दक्षिण मुंबई और आसपास के इलाकों में मकानों और टीडीआर के दाम ज्यादा नहीं बढ़ेंगे। इससे बाजार थोड़ा संतुलित रहेगा और घर खरीदने वालों के पास ज्यादा विकल्प होंगे।