टाटा स्टील और TRF के बोर्ड ने विलय नहीं करने का निर्णय लिया है। इस्पात निर्माता कंपनी ने बुधवार को यह जानकारी दी। सितंबर 2022 में और उसके बाद की दो तारीखों में टाटा स्टील ने अपने बिजनेस पोर्टफोलियो में बदलाव करने की दीर्घावधि योजना के तहत 9 व्यवसायों का विलय करने की घोषणा की थी।
कंपनी ने आज बताया कि उसने नियामकीय प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद इनमें से पांच व्यवसायों का विलय पूरा कर लिया है और इनकी समेकन प्रक्रिया चल रही है। इनमें टाटा स्टील माइनिंग, टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स, एसऐंडटी माइनिंग, टिनप्लेट कंपनी ऑफ इंडिया, टाटा मेटालिक्स शामिल हैं।
टाटा स्टील ने कहा कि वित्त वर्ष 2023 में 19,700 करोड़ रुपये के संयुक्त सालाना कारोबार के साथ पांच कंपनियों का विलय बेहद कम समय में किया गया और इन सौदों से डाउनस्ट्रीम परिचालन के समेकन का खास अवसर मिला है।
कंपनी ने कहा है, ‘टाटा स्टील के देशव्यापी विपणन एवं बिक्री नेटवर्क की मदद से मूल्यवर्धित सेगमेंटों में विकास को बढ़ावा मिलेगा। विलय उपयोगी है और इससे कच्चे माल की उपलब्धता, केंद्रीकृत खरीद, इन्वेंट्री के अनुकूल, लॉजिस्टिक लागत में कमी के जरिये आपसी तालमेल बढ़ाने में मदद मिलेगी।’
टाटा स्टील ने अपने बयान में कहा है कि टीआरएफ के मामले में दोनों कंपनियों के बोर्ड ने विलय प्रक्रिया पर आगे नहीं बढ़ने का निर्णय लिया है। इस्पात निर्माता ने कहा है कि सितंबर 2022 में टीआरएफ के संभावित विलय की घोषणा के बाद से ही टाटा स्टील कई तरह से टीआरएफ को वित्तीय मदद मुहैया करा रही थी।
टाटा स्टील से सक्रिय तौर पर मदद मिलने से टीआरएफ ने बेहद चुनौतीपूर्ण परिचालन परिवेश का सफलतापूर्वक सामना करते हुए अपने व्यावसायिक प्रदर्शन में बड़ा सुधार दर्ज किया। टीआरएफ ने नियामक को दी जानकारी में कहा है कि विलय योजना वापस लेने के संबंध में आवेदन राष्ट्रीय कंपनी विधि पंचाट (एनसीएलटी) के कोलकाता पीठ में सौंपा गया है।
टाटा स्टील ने आज यह भी कहा कि तीन कंपनियों की विलय प्रक्रिया संबद्ध क्षेत्र के कंपनी विधि पंचाटों के साथ मंजूरी प्रक्रिया के शुरुआती चरण में है।