भारत के रत्न और आभूषण उद्योग का मानना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की 27 प्रतिशत शुल्क की घोषणा उस पर बड़ा बोझ डालेगी। इससे अमेरिकी बाजारों में सालाना 10 अरब मूल्य का निर्यात कायम रखना मुश्किल हो जाएगा। अमेरिका में पहले आयातित और पॉलिश हीरों और प्रयोगशाला में तैयार अनगढ़े हीरों पर कोई शुल्क नहीं था। साथ ही सादे स्वर्ण आभूषणों पर 7 प्रतिशत शुल्क, सोने के जड़ाऊ आभूषणों पर 5.5 प्रतिशत और प्लेटिनम आभूषणों पर 5.5 प्रतिशत शुल्क था। पहले सर्वाधिक शुल्क चांदी के आभूषणों पर 13.5 प्रतिशत तक था।
अमेरिका से आने वाले निर्यात पर भारत का शुल्क 5 से 25 प्रतिशत (नकली गहनों पर सबसे अधिक) था। अब भारत के आयात पर अमेरिकी शुल्क बढ़कर 27 प्रतिशत तक हो गया है। यह सर्वाधिक शुल्क भारत में अमेरिकी आयात पर लगाए जाने वाले रत्न और आभूषण खंड के बराबर है।
रत्न और आभूषण निर्यात संवर्द्धन परिषद (जीजेईपीसी) ने बयान में कहा, ‘हम सरकार से भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते को आगे बढ़ाने का आग्रह करते हैं। यह समझौता शुल्क मुद्दे को हल करने और सेक्टर के दीर्घावधि हितों को सुरक्षित करने के लिए महत्त्वपूर्ण होगा।’ उसने कहा कि ट्रंप शुल्क भारत के निर्यातकों के साथ साथ अमेरिकी उपभोक्ताओं पर भी ‘बड़ा भारी बोझ ‘ होगा।
यह दीर्घावधि में वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को नए सिरे से दिशा देगा। भारत ने 2024 में 11.58 अरब डॉलर मूल्य के रत्न और आभूषणों का निर्यात किया था और भारत ने अमेरिका से ऐसे उत्पादों का आयात 5.31 अरब डॉलर का किया था। इससे इस क्षेत्र में व्यापार असंतुलन 6.27 अरब डॉलर था। जीजेईपीसी ने भारत सरकार से प्लेटिनम, स्वर्ण और चांदी के आभूषणों पर आयात शुल्क घटाकर 1-3 प्रतिशत करने का अनुरोध किया।