कौशल मंत्रालय ने 1,000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को बेहतर बनाने की योजना पर साझेदारों से विचार-विमर्श पूरा कर लिया है। वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मंत्रालय आईटीआई के उन्नयन के मसौदे के दिशानिर्देश तय कर रहा है। फिर इस प्रस्ताव को मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए भेजा जाना है।
सरकार ने वित्त वर्ष 25 के बजट में 1,000 आईटीआई के उन्नयन की योजना पेश की थी। कौशल मंत्रालय के अधिकारी ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया, ‘हम राज्यों, विभागों और उद्योग से परामर्श कर चुके हैं। यह प्रक्रिया आमतौर पर विभिन्न चरणों से गुजरती है। लिहाजा मंत्रालय सरकार के तय तरीके के अनुसार प्रक्रिया को पूरा कर रहा है। हम स्वीकृति प्रक्रिया के करीब पहुंच रहे हैं।
हम अपनी कई नई सोच को यथार्थ के धरातल पर लेकर आ रहे हैं। हालांकि प्रशिक्षु योजना शुरुआती चरण में है। हम आईटीआई की फिर से कल्पना कर रहे हैं और इससे हमारी योजना को अधिक समय लग रहा है। इस योजना की शीघ्र अति शीघ्र घोषणा की जाएगी।’
वित्त मंत्री ने जुलाई में पेश बजट में 1,000 आईटीआई को बेहतर बनाने की घोषणा की थी। इस योजना से 25 लाख छात्र लाभान्वित होंगे। इस योजना का ध्येय हालिया पाठ्यक्रम को नए सिरे से तैयार करना और समीक्षा करना था। इस योजना में उद्योग की जरूरत के अनुरूप पाठ्यक्रम तैयार किए जाने हैं। केंद्र प्रायोजित यह योजना राज्यों और उद्योग के समन्वय से शुरू की जाएगी। इस योजना में कुल व्यय 60,000 करोड़ रुपये आएगा।
इसमें केंद्र 30,000 करोड़ रुपये, राज्य 20,000 करोड़ रुपये और उद्योग कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व के तहत 10,000 करोड़ रुपये का योगदान देगा। अधिकारी ने बताया, ‘हम अपने कार्य करने के तरीके को बेहतर कर रहे हैं। उद्योग, राज्य और केंद्र संयुक्त रूप से ‘राज्य संचालित उद्योग प्रबंधित आधुनिक आकांक्षी कौशल केंद्र’ पेश करेंगे और यह हमारा केंद्रबिंदु है। इसके अनुरूप ही दिशानिर्देश तैयार किए गए हैं।’
अधिकारी ने कहा ‘कुछ राज्य औद्योगीकृत हैं, कुछ नहीं हैं और कुछ राज्य अन्य प्रदेशों को श्रमिक भेजते हैं। राज्यों की अलग-अलग स्थितियां हैं। इसलिए यह प्रक्रिया जटिल है। हम उस सिस्टम को हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं जो राज्यों के साथ-साथ उद्योग की जरूरत को पूरा करता हो। हम इसे जितना अधिक संभव हो उतना आसान बनाने का प्रयास कर रहे हैं।’