facebookmetapixel
सुप्रीम कोर्ट ने कहा: बिहार में मतदाता सूची SIR में आधार को 12वें दस्तावेज के रूप में करें शामिलउत्तर प्रदेश में पहली बार ट्रांसमिशन चार्ज प्रति मेगावॉट/माह तय, ओपन एक्सेस उपभोक्ता को 26 पैसे/यूनिट देंगेबिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ इंटरव्यू में बोले CM विष्णु देव साय: नई औद्योगिक नीति बदल रही छत्तीसगढ़ की तस्वीर22 सितंबर से नई GST दर लागू होने के बाद कम प्रीमियम में जीवन और स्वास्थ्य बीमा खरीदना होगा आसानNepal Protests: सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ नेपाल में भारी बवाल, 14 की मौत; गृह मंत्री ने छोड़ा पदBond Yield: बैंकों ने RBI से सरकारी बॉन्ड नीलामी मार्च तक बढ़ाने की मांग कीGST दरों में कटौती लागू करने पर मंथन, इंटर-मिनिस्ट्रियल मीटिंग में ITC और इनवर्टेड ड्यूटी पर चर्चाGST दरों में बदलाव से ऐमजॉन को ग्रेट इंडियन फेस्टिवल सेल में बंपर बिक्री की उम्मीदNDA सांसदों से PM मोदी का आह्वान: सांसद स्वदेशी मेले आयोजित करें, ‘मेड इन इंडिया’ को जन आंदोलन बनाएंBRICS शिखर सम्मेलन में बोले जयशंकर: व्यापार बाधाएं हटें, आर्थिक प्रणाली हो निष्पक्ष; पारदर्शी नीति जरूरी

Q2 में भर्ती में गिरावट के बावजूद भारत के सेमीकंडक्टर डिजाइन सेक्टर में तेजी: रिपोर्ट

रिपोर्ट बताती है कि इस गिरावट का कारण ग्लोबल आर्थिक चुनौतियां और बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियों द्वारा सतर्कता से की जा रही हायरिंग है।

Last Updated- November 04, 2024 | 5:41 PM IST
semiconductor chips

भारत में सेमीकंडक्टर डिजाइन से जुड़े ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCCs) में नौकरी के अवसरों में हाल के महीनों में गिरावट देखी गई है। टैलेंट सॉल्यूशंस प्रोवाइडर केयरनेट की एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही (Q2 FY25) में इन पदों में 7% की कमी आई है। रिपोर्ट बताती है कि इस गिरावट का कारण ग्लोबल आर्थिक चुनौतियां और बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियों द्वारा सतर्कता से की जा रही हायरिंग है।

हालांकि, सेक्टर में सकारात्मकता अभी भी बरकरार है। एडवांस तकनीकों, जैसे क्वांटम कंप्यूटिंग और नैनोटेक्नोलॉजी की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए कंपनियां भर्तियां जारी रख रही हैं। केयरनेट की रिपोर्ट के अनुसार, सेमीकंडक्टर उद्योग में डिजाइन, मैन्युफैक्चरिंग और रिसर्च एंड डेवलपमेंट (R&D) जैसे क्षेत्रों में विशेष स्किल की भारी मांग है, जो इस सेक्टर की भविष्य की वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण हैं।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि डिजाइन इंजीनियर, वेरिफिकेशन इंजीनियर, सिस्टम आर्किटेक्ट और मटेरियल साइंस, क्वांटम कंप्यूटिंग व नैनोटेक्नोलॉजी में विशेषज्ञता रखने वाले प्रोफेशनल की जरूरत बढ़ रही है।

भारत ने हाल के सालों में सेमीकंडक्टर डिज़ाइन के क्षेत्र में अपनी मज़बूत पहचान बनाई है, जहां पिछले दो दशकों में इस क्षेत्र में बड़ी वृद्धि देखी गई है। प्रमुख अंतरराष्ट्रीय कंपनियां भारत में R&D इनोवेशन सेंटर्स स्थापित कर रही हैं, जो भारतीय डिज़ाइन टैलेंट की बढ़ती महत्ता को दर्शाता है। रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया के करीब 20% सेमीकंडक्टर डिज़ाइन इंजीनियर भारत में हैं, और यहां का माहौल डिज़ाइन पेटेंट और बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) पंजीकरण के मामले में भी मजबूत है।

ग्लोबल स्तर पर भारतीय टैलेंट की मांग

केयरनेट की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में सेमीकंडक्टर डिज़ाइन से जुड़े ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCCs) देश के कुल GCC का लगभग 4% हैं और ये हर साल 7% की दर से बढ़ रहे हैं। 2024 की पहली छमाही तक 180 से अधिक सेमीकंडक्टर डिज़ाइन GCCs में अनुमानित 1.1 लाख प्रोफेशनल कार्यरत थे। सरकारी पहल, जैसे कि भारत सेमीकंडक्टर मिशन, ने इस क्षेत्र में निवेश और शीर्ष टैलेंट को आकर्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

भारत के सेमीकंडक्टर क्षेत्र में अमेरिका का दबदबा कायम है। भारत में 69% मल्टीनेशनल कंपनियों के हेड ऑफिस हैं। ये कंपनियां भारत के सेमीकंडक्टर सेक्टर में निवेश, साझेदारी और डिज़ाइन एवं R&D का विस्तार कर रही हैं। बेंगलुरु इस क्षेत्र का प्रमुख केंद्र है, जहां 57% GCC इकाइयां और 61% डिज़ाइन टैलेंट हैं, जिससे इसे भारत की ‘सिलिकॉन वैली’ का दर्जा मिला है।

बेंगलुरु और हैदराबाद: सेमीकंडक्टर के हब

भारत में ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCCs) का तेजी से विस्तार हो रहा है, और इसके प्रमुख केंद्रों के रूप में बेंगलुरु और हैदराबाद अपनी स्थिति मजबूत कर रहे हैं। ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत के कुल GCCs में से 57% बेंगलुरु में हैं, और देश के GCC टैलेंट का 61% हिस्सा भी यहीं स्थित है, जिससे इसे ‘भारत की सिलिकॉन वैली’ का दर्जा मिला है।

हैदराबाद इस दौड़ में बेंगलुरु के बाद दूसरे स्थान पर है, जहां देश के कुल GCCs का 17% हिस्सा और GCC टैलेंट का 21% हिस्सा है। यह शहर भारत में सेमीकंडक्टर डिज़ाइन और तकनीकी नवाचार के एक उभरते केंद्र के रूप में अपनी पहचान बना रहा है।

रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि सेमीकंडक्टर डिज़ाइन GCCs में से 41% एक ही स्थान पर काम कर रहे हैं, जबकि 59% ने कई स्थानों पर अपने परिचालन का विस्तार किया है। इससे देश भर में तकनीकी केंद्रों की संख्या बढ़ने के संकेत मिलते हैं।

इसके अलावा, भारत के GCCs में से 47% केंद्र ऐसे हैं जहां 1,000 से कम कर्मचारी काम कर रहे हैं, जबकि 44% GCCs में 1,000 से 5,000 के बीच लोग कार्यरत हैं। इन आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि भारत का GCC सेक्टर न केवल बड़े पैमाने पर विस्तार कर रहा है, बल्कि विभिन्न स्तरों पर टैलेंट को भी जोड़ रहा है, जिससे भारत की तकनीकी शक्ति और भी सशक्त हो रही है।

सेमीकंडक्टर डिजाइन क्षेत्र में तेज़ी की संभावना

Careernet के मुख्य बिजनेस अधिकारी (CBO), नीलाभ शुक्ला ने बताया कि सेमीकंडक्टर डिजाइन क्षेत्र में विस्तार की संभावनाएं बढ़ रही हैं। स्मार्टफोन, इलेक्ट्रिक वाहन और अन्य टेक्निकल इनोवेशन की बढ़ती मांग इस क्षेत्र को आगे बढ़ा रही है। उन्होंने कहा, “भारत के डिजाइन टैलेंट में आने वाले पांच सालों में बड़ी ग्रोथ की उम्मीद है और इस दौरान कई नए रोजगार अवसर पैदा हो सकते हैं। Q2 में मांग में थोड़ी गिरावट आई है, लेकिन इस क्षेत्र में स्किल्ड टैलेंट की जरूरत बनी हुई है।”

नीलाभ शुक्ला के अनुसार, भारत सरकार की नीतियां, जैसे कि भारत सेमीकंडक्टर मिशन और प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव योजनाएं, इस ग्रोथ को और गति दे रही हैं, निवेश आकर्षित कर रही हैं और भारत के सेमीकंडक्टर डिजाइन उद्योग को ग्लोबल चुनौतियों के लिए तैयार कर रही हैं।

भारत का सेमीकंडक्टर उद्योग अपनी पहुंच बढ़ा रहा है, लेकिन अभी भी यह केवल हाई स्किल और विशेष क्षेत्रों तक सीमित है और बड़े पैमाने पर रोजगार के मौके नहीं बना रहा है। अलग-अलग जगहों पर काम बढ़ने से इस क्षेत्र में नए काम के मौके बन सकते हैं, जिससे भारत सेमीकंडक्टर डिजाइन में दुनिया में अपनी मजबूत जगह बना सकता है।

First Published - November 4, 2024 | 5:41 PM IST

संबंधित पोस्ट