उद्योग जगत ई- श्रम पोर्टल तक पहुंच पाना चाहता है। इस पोर्टल पर असंगठित श्रेत्र के 30 करोड़ श्रमिकों का डेटा है। उद्योग निकाय सीआईआई को उम्मीद है कि इस पोर्टल तक पहुंच होने पर कुशल प्रतिभाओं का विविध कार्यों में इस्तेमाल करने में मदद मिलेगी। इससे वह अपने कार्यबल की जरूरतों को भी पूरा कर सकेंगे।
औद्योगिक निकाय भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘उद्योग ने ई-श्रम डेटाबेस तक पहुंच के लिए मदद मांगी है। इससे देश का असंगठित कार्यबल कौशल संपन्न होगा और उसकी रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ेंगी।’
पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) के अध्यक्ष संजीव अग्रवाल ने कहा कि श्रमिकों के डेटाबेस तक पहुंच मिलने से कुशल लोगों का विविध कार्यों में इस्तेमाल करने के अलावा कानून का अधिक पालन और उत्तरदायित्व तय होगा। इससे श्रमिकों को कानूनी रूप से नौकरी पर रखा जा सकेगा। इससे उद्योगों को अधिक श्रम कानूनों और विनियमन का पालन करना पड़ेगा।
उन्होंने कहा, ‘यह विचारों के आदान-प्रदान के लिए बेहतर साबित होगा। इससे उद्योगों के लिए श्रमिकों के बारे में जानकारी मुहैया कराना आसान होगा और इसी तरह श्रमिकों के लिए आसानी होगी।
पोर्टल के जरिये रोजगार की प्रक्रिया को औपचारिक रूप से शुरू करने पर श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा की योजनाएं जैसे भविष्य निधि, स्वास्थ्य बीमा और रिटायरमेंट तक पहुंच हो पाएगी। इसके अलावा पोर्टल असंगठित श्रम बल के श्रमिकों को सशक्त बना सकता है।
इससे असंगठित श्रमिकों को वह मंच मिलता है जहां उनके कौशल और योगदान को पहचान व मूल्य मिलता है।’श्रम मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि अभी ई श्रम पोर्टल के आंकड़े को अन्य सरकारी डेटाबेस जैसे नौकरी के राष्ट्रीय करियर सेवाओं (एनसीएस) के पोर्टल, लघु कारोबारियों के लिए उद्यम पोर्टल और कुशल श्रमिकों के पोर्टल असीम पोर्टल से जोड़ा व समन्वित किया गया है।’
श्रम बल के अर्थशास्त्री केआर श्याम सुंदर ने बताया कि कोविड महामारी के दौरान लॉकडाउन से उपजे अप्रवासी श्रमिकों के संकट के दौरान यह पोर्टल अस्तित्व में आया। सरकार को देश में श्रमिकों के समन्वित डेटाबेस की अनुपस्थिति में श्रमिकों को कोई भी मदद मुहैया करवाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा था।
उन्होंने कहा, ‘अभी ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत श्रमिकों को कल्याणकारी सुविधा नहीं मिलती है। इससे पहले ई-श्रम के कार्ड होल्डरों को दुर्घटना बीमा की सुविधा मिलती थी। लेकिन कुछ समय पहले खत्म हो गई। लिहाजा इस बड़े आंकड़े का समुचित उपयोग सरकार को करना चाहिए जिससे पंजीकृत श्रमिकों की भलाई के उपायों को किया जा सके।’
श्रम मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर अगस्त 2021 में ई श्रम पोर्टल शुरू किया था। यह पूरे देश के असंगठित क्षेत्र के 38 करोड़ अनुमानित श्रमिकों के लिए बनाया गया था। इन असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों में कृषि श्रमिक, घरेलू श्रमिक, विनिर्माण क्षेत्र के श्रमिक, गिग और प्लेटफार्म श्रमिक शामिल हैं। पोर्टल के आंकड़े के अनुसार 9 जनवरी तक 400 रोजगारों के लिए 29.2 करोड़ श्रमिक पंजीकृत हैं।