भारत मार्च, 2025 तक 38 गीगावाट (जीडब्ल्यू) की बढ़ोतरी के साथ अपनी नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता (जीडब्ल्यू) को 170 गीगावाट तक पहुंचा सकेगा। रेटिंग एजेंसी इक्रा के एक विश्लेषक ने गुरुवार को कहा कि इसमें सौर मॉड्यूल की कीमतों में नरमी का भी अहम योगदान होगा।
इक्रा में कॉरपोरेट रेटिंग्स के उपाध्यक्ष और खंड प्रमुख विक्रम वी ने कहा कि देश में स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता अक्टूबर, 2023 में 130 गीगावाट थी। उन्होंने कहा कि भारत की नवीकरणीय ऊर्जा (आरई) क्षमता के मार्च, 2025 तक 170 गीगावाट तक पहुंचने की उम्मीद है। इसमें सौर मॉड्यूल की कीमतों और नीतिगत समर्थन का भारी योगदान होगा।
विक्रम ने कहा कि इसके बाद क्षमता वृद्धि को चालू वित्त वर्ष में निविदा गतिविधियों में महत्वपूर्ण सुधार से समर्थन मिलने की संभावना है। अब तक 16 गीगावाट से अधिक की परियोजनाओं के लिए बोली लगाई जा चुकी है और केंद्रीय नोडल एजेंसियां 17 गीगावाट और के लिए बोलियों की प्रक्रिया में हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले 12 माह में सौर पीवी सेल और मॉड्यूल की कीमतों में क्रमशः 65 प्रतिशत और 50 प्रतिशत की गिरावट आई है।