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NGHM की इनसेंटिव स्कीम में डिमांड एग्रीगेशन भी होगा शामिल, सरकार ने लिया फैसला

Last Updated- May 24, 2023 | 12:52 PM IST
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केंद्र सरकार के National Green Hydrogen Mission (NGHM) के तहत अपनी इनसेंटिव योजना में डिमांड एग्रीगेशन को शामिल करने वाली है। इस बात की जानकारी मिनिस्ट्री ऑफ न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी (MNRE) के सेक्रेटरी बीएस भल्ला ने मनीकंट्रोल दी।

भल्ला ने बताया कि सरकार के एनजीएचएम के लिए इनसेंटिव योजना के पहले ड्राफ्ट काफी अच्छे फीडबैक मिले हैं। उसी के आधार पर सरकार योजना में डिमांड एग्रीगेशन को भी जोड़ने का निर्णय लिया है।

उन्होंने कहा कि इसका मकसद ग्रीन हाइड्रोजन/अमोनिया उत्पादकों को ऑफटेक का आश्वासन देना है। इसके साथ ही डिमांड एग्रीगेशन सेगमेंट में भी इंसेंटिव को बढ़ाया जाएगा।

भल्ला ने कहा कि सरकार जून के अंत तक ग्रीन हाइड्रोजन इनसेंटिव योजना के पहले भाग के लिए बोलियां आमंत्रित करेगी। सरकार इस योजना को तीन के बजाय दो चरणों में शुरू करने की योजना बना रही है।

भले ही सरकार शुरू में हर साल लगभग 1.2 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करने का लक्ष्य रखती है, लेकिन इंडस्ट्री के कुछ स्टेहोल्डर्स का मानना है कि बड़े पैमाने पर उत्पादन करना अभी मुश्किल है, क्योंकि उन्हें लगता है कि लागत को देखते हुए खरीदारों को ढूंढना आसान नहीं होगा।

इसका समाधान करने के लिए, सरकार ग्रीन अमोनिया/हाइड्रोजन की बिक्री के लिए, खरीदार, फर्टिलाइजर्स कंपनियों के साथ लंबी अवधि का टाई-अप करने की योजना बना रही है।

इस साल अप्रैल में जारी योजना के पहले ड्राफ्ट में सरकार ने कहा था कि कम से कम इंसेंटिव मांगे जाने वाले बिडर्स को बकेट फिलिंग मेथड में इंसेंटिव दिया जाएगा।

सरकार ने ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन पर इनसेंटिव की सीमा 50 रुपये प्रति किलोग्राम तय की, जो योजना के तीसरे वर्ष तक घटकर अधिकतम 30 रुपये प्रति किलोग्राम हो जाएगी।

इस मामले में, ग्रीन हाइड्रोजन/अमोनिया प्रड्यूसर्स उत्पादन कर सकते हैं, इनसेंटिव ले सकते हैं और निर्यात सहित कहीं भी बेच सकते हैं।

इसके अलावा, सरकार अब एग्रीगेटेड डिमांड के लिए विशेष रूप से एक और सेगमेंट जोड़ने जा रही है। इस मामले में, उत्पादित हाइड्रोजन के लिए कम से कम कीमत कोट करने पर ही इनसेंटिव दिया जाएगा।

SECI पहली एग्रीगेटेड डिमांड टेंडर जारी करेगा और इसे रिफाइनरियों के अलावा भारत के फर्टिलाइजर, स्टील और सीमेंट उद्योगों को बेचा जाएगा।
बता दें कि 4 जनवरी को केंद्रीय मंत्रिमंडल का एप्रूवल मिलने के बाद, सरकार ने 13 जनवरी को अपने महत्वाकांक्षी National Green Hydrogen Mission (NGHM) के लिए एक ब्लूप्रिंट जारी किया।

First Published - May 24, 2023 | 12:52 PM IST

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