facebookmetapixel
फाइजर-सिप्ला में हुई बड़ी साझेदारी, भारत में प्रमुख दवाओं की पहुंच और बिक्री बढ़ाने की तैयारीगर्मी से पहले AC कंपनियों की बड़ी तैयारी: एनर्जी सेविंग मॉडल होंगे लॉन्च, नए प्रोडक्ट की होगी एंट्रीमनरेगा की जगह नए ‘वीबी-जी राम जी’ पर विवाद, क्या कमजोर होगी ग्रामीण मजदूरों की ताकत?1 फरवरी को ही आएगा 80वां बजट? रविवार और रविदास जयंती को लेकर सरकार असमंजस मेंसिनेमाघरों में लौटी रौनक: बॉक्स ऑफिस पर 11 महीनों में कमाई 18% बढ़कर ₹11,657 करोड़ हुईघने कोहरे की मार: इंडिगो-एयर इंडिया की कई फ्लाइट्स रद्द, यात्रियों को हुई परेशानीश्रीराम फाइनैंस में जापान का अब तक का सबसे बड़ा FDI, MUFG बैंक लगाएगा 4.4 अरब डॉलरRBI की जोरदार डॉलर बिकवाली से रुपये में बड़ी तेजी, एक ही दिन में 1.1% मजबूत हुआ भारतीय मुद्राअदाणी एयरपोर्ट्स का बड़ा दांव: हवाई अड्डों के विस्तार के लिए 5 साल में लगाएगी ₹1 लाख करोड़मोबाइल पर बिना इंटरनेट TV: तेजस नेटवर्क्स की D2M तकनीक को वैश्विक मंच पर ले जाने की तैयारी

इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाएगी Schneider, इलेक्ट्रिक के मामले में चीन से तेज रफ्तार में भारत

साल 2020 Schneider Electric ने लार्सन ऐंड टुब्रो के इलेक्ट्रिक और ऑटोमेशन कारोबार की खरीद पूरी की थी। इसका 14,000 करोड़ रुपये में अ​धिग्रहण किया गया था।

Last Updated- September 01, 2024 | 9:59 PM IST
Schneider Electric

श्नाइडर इलेक्ट्रिक अगले कुछ वर्षों में वैश्विक औद्योगिक स्वचालन कारोबार में भारत की हिस्सेदारी 25 प्रतिशत तक बढ़ाने पर विचार कर रही है। कंपनी के अ​धिकारियों के अनुसार यह हिस्सेदारी अभी 10 प्रतिशत से कम है। श्नाइडर इले​​​क्ट्रिक की कार्यकारी उपाध्यक्ष (औद्यो​गिक स्वचालन) बारबरा फ्रेई ने उम्मीद जताई कि भारत के जल, परिवहन, खनन, ऊर्जा और खाद्य एवं पेय पदार्थ क्षेत्रों में वृद्धि से इन स्वचालन समाधानों की मांग बढ़ेगी।

बारबरा ने कहा ‘मैं स्पष्ट रूप से कहूंगी कि भारत में औद्योगिक स्वचालन कारोबार 25 प्रतिशत या उससे अधिक होना चाहिए। इसलिए वास्तव में यही लक्ष्य है।’ उन्होंने इसके लिए कोई समयसीमा नहीं बताई, लेकिन उम्मीद है कि यह पांच से सात साल से कम समय में पूरा हो जाएगा।

साल 2020 श्नाइडर इले​क्ट्रिक ने लार्सन ऐंड टुब्रो के इलेक्ट्रिक और ऑटोमेशन कारोबार की खरीद पूरी की थी। इसका 14,000 करोड़ रुपये में अ​धिग्रहण किया गया था। उस अनुभाग को अब लॉरिज नुडसेन इलेक्ट्रिकल ऐंड ऑटोमेशन के रूप में रीब्रांड किया गया है। श्नाइडर की भारत की योजनाओं में इस अनुभाग का भविष्य में और विकास करना भी शामिल है। बारबरा ने कहा ‘अ​धिग्रहित अनुभाग छोटा हिस्सा है, लेकिन बहुत अच्छा हिस्सा है। यह अभी इतना बड़ा नहीं है, लेकिन हमारी योजना इसे बढ़ाने की है। यह और ज्यादा योगदान देगा।’

कुछ प्रक्रियाओं के विद्युतीकरण के लिए बड़े ड्राइव (विद्यतु शा​क्ति को यांत्रिक शक्ति में बदलने में सहायता के लिए उपयोग किए जाने वाले उपकरण) की आवश्यकता होती है और लॉरिट्ज नुडसेन ब्रांड उन क्षेत्रों में अच्छी आपूर्ति करेगा। भारत में आगे और अ​धिग्रहण की संभावना पर बारबरा ने कहा कि कंपनी संभावना वाली परिसंप​त्तियों के मामले में हमेशा ही सक्रिय रूप से विचार करती है।

बारबरा ने कहा कि भारत में कंपनी का 70 प्रतिशत से अधिक कारोबार निर्यात पर आधारित है। उन्होंने कहा कि वे भारत में और अधिक बिक्री करना चाहेंगे जबकि निर्यात और घरेलू बिक्री का अनुपात 70 और 30 बना रहेगा। कंपनी के अ​धिकारियों के अनुसार श्नाइडर इले​क्ट्रिक के मामले में रफ्तार के लिहाज से भारत चीन के बाजार की तुलना में ज्यादा तेजी से बढ़ रहा है।

उद्योग के अन्य अधिकारियों की चिंताओं की तरह ही बारबरा ने भी मानव संसाधन जुटाने को भारत में मुख्य चुनौती बताया। उन्होंने कहा, ‘इसलिए हम प्रतिभा विकास का प्रयास कर रहे हैं। हमारा इरादा और ज्यादा वै​श्विक प्रतिभाओं को भारत लाने का भी है। उन्होंने कहा कि लैटिन अमेरिका, अफ्रीका और यूरोप वगैरह से मध्य-प्रबंधन और विशेषज्ञता-स्तर की कौशल वाली प्रतिभाओं को लाया जा सकता है।

First Published - September 1, 2024 | 9:59 PM IST

संबंधित पोस्ट