ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री का रेवेन्यू वर्ष 2025 तक फिल्म एंटरटेनमेंट से अधिक हो जाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि भारतीय फिल्मों की तुलना में ऑनलाइन गेमिंग पर अधिक खर्च करेंगे।
फिक्की-ईवाई मीडिया और मनोरंजन (M&E) क्षेत्र की इस महीने की शुरुआत में जारी रिपोर्ट के आंकड़ों से पता चलता है कि फिल्म एंटरटेनमेंट सेक्टर का कोविड महामारी से पहले 2019 में रेवेन्यू 19,100 करोड़ रुपये था, जो ऑनलाइन गेमिंग के रेवन्यू (6,500 करोड़ रुपये) का लगभग तीन गुना था।
महामारी ने फिल्म रेवेन्यू में 62 प्रतिशत की कमी ला दी। इस सेक्टर के रेवेन्यू के वर्ष 2023 में महामारी से पहले वाले स्तर के समान पहुंचने की उम्मीद है।
इस बीच, ऑनलाइन गेमिंग उद्योग बढ़ता रहा और साल 2023 में इस इंडस्ट्री का रेवन्यू 16,700 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। इसके 2025 तक 23,100 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है, जो उसी वर्ष में अनुमानित 22,800 करोड़ रुपये के फिल्म राजस्व से अधिक है।
फिल्म एंटरटेनमेंट में मुख्य रूप से थिएटर रिलीज से पैसा शामिल होता है। लेकिन इसमें नेटफ्लिक्स और इन-सिनेमा विज्ञापन जैसे प्लेटफॉर्म से ब्रॉडकास्ट अधिकार और राजस्व भी शामिल है।
दूसरी तरफ, ऑनलाइन गेमिंग में रम्मी और पोकर जैसे लेनदेन-आधारित गेम रेवेन्यू शामिल हैं। एस्पोर्ट्स और कैजुअल गेमिंग के साथ-साथ विज्ञापन राजस्व बाकी योगदान देता है।
रिपोर्ट से पता चलता है कि जैसे-जैसे ऑनलाइन गेमिंग में रुचि बढ़ती है, इस सेगमेंट में 2025 तक 19.5 प्रतिशत की कम्पाउंड एन्युअल ग्रोथ दर आने की उम्मीद है, जबकि फिल्म एंटरटेनमेंट के लिए यह दर 9.8 प्रतिशत है।
इसके अलावा डिजिटल मीडिया और अन्य क्षेत्रों में वृद्धि के कारण पुरे मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र में 10.5 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है। सबसे कम वृद्धि प्रिंट सेगमेंट द्वारा दिखाई गई है, जिसमें कुल वृद्धि घटकर 3.7 प्रतिशत रह गई है।