Power Sector IPO: अगले पांच साल के दौरान बिजली क्षेत्र के बड़े केंद्रीय लोक उपक्रम आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ), अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) और पुनर्वित्त के जरिये बाजार से पूंजी जुटाएंगे। केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2025-26 से 2029-30 तक केंद्र की प्रमुख राष्ट्रीय मुद्रीकरण योजना 2.0 (एनएमपी) के तहत कुल 80,000 करोड़ रुपये तक की परिसंपत्ति मुद्रीकरण योजना का मसौदा तैयार किया है।
मंत्रालय के मसौदे के अनुसार पनबिजली क्षेत्र की टीएचडीसी और नीपको तथा एसजेवीएन की हरित ऊर्जा इकाई एसजीईएल को सूचीबद्ध कराया जाएगा। प्रस्तावित योजना के अनुसार मंत्रालय का अनुमान है कि टीएचडीसी और नीपको का 1,000-1,000 करोड़ रुपये का आईपीओ लाया जाएगा और एसजीईएल से 2,000 करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे। इस बारे में जानकारी के लिए बिजली मंत्रालय को ईमेल किया गया मगर खबर लिखे जाने तक जवाब नहीं आया।
सतलुज जलविद्युत निगम (एसजेवीएन) ने हाल ही में एक ताप विद्युत कंपनी एसटीपीएल का गठन किया है और सरकार ने एनएमपी के तहत इसमें एसजेवीएन की इक्विटी विनिवेश का प्रस्ताव किया है।
अधिकारियों ने संकेत दिया कि ताप विद्युत क्षेत्र की दिग्गज कंपनी एनटीपीसी की हरित ऊर्जा इकाई एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी (एनजीईएल) की पिछले साल सफल लिस्टिंग से उत्साहित मंत्रालय को उम्मीद है कि आने वाले निर्गम को भी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलेगी। एनजीईएल को पिछले साल नवंबर में सूचीबद्ध किया गया था और इसने अपने आईपीओ के जरिये 10,000 करोड़ रुपये जुटाए थे। निर्गम को 2.42 गुना आवेदन मिले थे। मुद्रीकरण योजना में एनजीईएल के लिए दो एफपीओ भी शामिल हैं, जिससे करीब 9,000 करोड़ रुपये और 15,000 करोड़ रुपये जुटाने का अनुमान है। इसी तरह एसजीईएल का भी एफपीओ लाया जाएगा।
बिजली मंत्रालय ने हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) को सूचीबद्ध करने का भी प्रस्ताव किया है। यह एनटीपीसी, कोल इंडिया लिमिटेड और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन का संयुक्त उपक्रम है, जिसमें प्रत्येक की 29.67 फीसदी हिस्सेदारी है। योजना दस्तावेजों के अनुसार यह एनटीपीसी के मुद्रीकरण लक्ष्य के अंतर्गत होगा।
प्रस्तावित 80,000 करोड़ रुपये मुद्रीकरण की योजना में से सबसे ज्यादा 34,000 करोड़ रुपये तक पावर ग्रिड (पीजीसीआईएल) द्वारा जुटाया जाएगा। इसमें कंपनी की परियोजनाओं के भविष्य के नकदी प्रवाह का प्रतिभूतिकरण शामिल होगा। पावर ग्रिड देश की सबसे बड़ी बिजली पारेषण कंपनी है। इसने अपनी चालू परियोजनाओं के मुद्रीकरण के लिए एनएमपी 1.0 के तहत 2022 में अपना पहला इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट पीजीइनविट पेश किया था।
जलविद्युत क्षेत्र की दिग्गज कंपनी एनएचपीसी भी अपनी चालू परियोजनाओं के लिए धन जुटाने के लिए इसी तरह के उपाय तलाश रही है। इसमें सिक्किम में तीस्ता, हिमाचल प्रदेश में पार्वती और चमेरा तथा अरुणाचल प्रदेश में सुबांसरी जैसी कुछ प्रमुख जलविद्युत परियोजनाएं शामिल हो सकती हैं। एनएमपी 1.0 के लिए बिजली मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2021-25 के दौरान 85,032 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा था जिसमें वह 58 फीसदी ही जुटा पाया था।