भारतीय आईटी क्षेत्र में खर्च 2024 में बढ़कर 138.9 अरब डॉलर पर पहुंचने का अनुमान है, जो पिछले साल (122.6 अरब डॉलर) की तुलना में 13.2 प्रतिशत की दो अंक की वृद्धि है। यह अनुमान गार्टनर द्वारा जताया गया है। खर्च में यह वृद्धि सभी प्रमुख सेगमेंट में दर्ज किए जाने की संभावना है, जिनमें सॉफ्टवेयर, डिवाइस, आईटी सर्विस और डेटा सेंटर सिस्टम शामिल हैं। सभी सेगमेंट में, भारत में सॉफ्टवेयर खर्च 2024 में 18.6 प्रतिशत की सर्वाधिक वृद्धि दर से बढ़ने का अनुमान है। इसके बाद डिवाइस सेगमेंट के लिए यह आंकड़ा 13.8 प्रतिशत रहने की संभावना है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘भारतीय सीआईओ मौजूदा चुनौतीपूर्ण परिवेश में सॉफ्टवेयर परिसंपत्तियों का लाभ हासिल करने के लिए वृद्धि, ग्राहक अनुभव और परिचालन दक्षता को लगातार प्राथमिकता दे रहे हैं। ‘रिकरिंग रेवेन्यू मॉडल’ आईटी की लागत को अनुकूल बनाने में अहम योगदान दे रहे हैं और सॉफ्टवेयर खर्च में इजाफा हो रहा है।’
भारत में जेनएआई खर्च के बारे में जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि अल्पावधि में इस सेगमेंट से प्राप्त होने वाला राजस्व बेहद सीमित होगा, क्योंकि भारतीय मुख्य सूचना अधिकारी (सीआईओ) मौजूदा समय में प्रौद्योगिकी को ध्यान में रखकर योजनाओं और मूल्यांकन पर जोर दे रहे हैं। अनुमानों के अनुसार, वैश्विक रूप से आईटी खर्च 2024 में बढ़कर 5.06 लाख करोड़ डॉलर पर पहुंच जाने का अनुमान है, जो 2023 के मुकाबले 8 प्रतिशत की वृद्धि है।
अनुमान के अनुसार, जेनएआई प्रोसेसिंग के लिए बढ़ती मांग की मदद से, डेटा सेंटर प्रणालियों पर खर्च भी वैश्विक रूप से 2023 के 4 प्रतिशत से बढ़कर चालू वर्ष में 10 प्रतिशत पर पहुंच सकता है। गार्टनर के उपाध्यक्ष एवं विश्लेषक जॉन डेविड लवलॉक ने कहा, ‘हम बात जेनएआई की हो, तो हम कहानी, योजना, क्रियान्वयन का चक्र देख रहे हैं। 2023 में, उद्यमी जेनएआई की कहानी बता रहे थे और 2024 में हम इनमें से ज्यादातर को 2025 में क्रियान्वयन के लिए योजना बनाते देख रहे हैं।’
एक अध्ययन के अनुसार, 2024 में, एआई सर्वरों का कुल हाइपरस्केलर सर्वर खर्च में करीब 60 प्रतिशत योगदान रहेगा। लवलॉक ने कहा, ‘साथ ही बाजारों में सेवा प्रदाताओं द्वारा खर्च बढ़ाया जा रहा है, जिससे सर्वर और सेमीकंडक्टर जैसी बड़े आकार की जेनएआई परियोजनाओं को मदद मिल रही है।’
गार्टनर ने डिवाइस सेगमेंट के खर्च में भी वृद्धि का अनुमान जताया है। 2024 के दौरान इस सेगमेंट का खर्च 688 अरब डॉलर रह सकता है, जो 2023 के 664 अरब डॉलर से 3.6 प्रतिशत अधिक है। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘प्रीमियम और बेसिक फोन में जेनएआई क्षमताएं जुड़ने से भी इस बदलाव को बढ़ावा मिल रहा है।’