केंद्र सरकार का महत्वाकांक्षी भारत एआई मिशन आखिरकार शुरू हो जाएगा और एआई कंप्यूट क्षमताएं वर्ष 2025 के मध्य तक उपलब्ध होने लगेंगी। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने आज यह जानकारी दी। अगस्त में सरकार ने 10,372 करोड़ रुपये के भारत एआई मिशन के तहत क्लाउड पर आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) सेवाएं उपलब्ध कराने वाली कंपनियों का पैनल बनाने के लिए बोलियां आमंत्रित की थीं। कंपनियों के पैनल में शामिल होने की प्रक्रिया साल 2024 के आखिर तक पूरी होने की उम्मीद है।
इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव अभिषेक सिंह ने कहा, ‘निविदा जारी किए जाने के बाद हमने ऐसी विभिन्न कंपनियों के बारे में सुना है जो एआई कंप्यूट के बुनियादी ढांचे में निवेश करने की दिशा में काम कर रही हैं ताकि वे पैनल में शामिल हो सकें। हमें यह प्रक्रिया दिसंबर तक पूरी होने की उम्मीद है। इससे अगले करीब छह महीने में हम भारत में कंप्यूट की उपलब्धता देखेंगे।’ सिंह मुंबई में एनवीडिया एआई समिट में बोल रहे थे।
पैनल में शामिल एजेंसियों में डेटा केंद्र, स्टार्टअप और क्लाउड सेवा प्रदाता जैसे साइट और कंपनियां शामिल हैं। इन इकाइयों को शिक्षाविदों, स्टार्टअप, शोधकर्ताओं, सरकारी निकायों आदि को ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (जीपीयू), एक्सेलेरेटर, टेंसर प्रोसेसिंग यूनिट (टीपीयू), स्टोरेज जैसे हाई-स्पीड कंप्यूटिंग एआई बुनियादी ढांचे तक सबसे कम दर पर पहुंच प्रदान करनी होगी। इस दर का पता बोली प्रक्रिया से चलेगा।
इस बीच सिंह ने कहा कि एआई के बुनियादी ढांचे के मामले में देश को और ज्यादा निवेश कने की जरूरत है। उन्होंने कहा,‘बुनियादी ढांचा ऐसा क्षेत्र है जिसमें हमें और ज्यादा निवेश करने की आवश्यकता है। हमें यह सुनिश्चित करने के लिए काम करने की आवश्यकता है कि प्रतिभाशाली इंजीनियरों के पास काम के लिए कंप्यूट का बुनियादी ढांचा उपलब्ध हो और वे बड़ी आबादी की सामाजिक समस्याओं को हल करने वाले समाधान लेकर आएं।’