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जीएचसीएल अमेरिकी रिटेल बाजार में बदलेगी चोला

Last Updated- December 05, 2022 | 11:00 PM IST

विभिन्न उत्पाद बनाने वाली बहु राष्ट्रीय कंपनी जीएचसीएल, अमेरिका में अपने घर में काम आने वाले कपड़ा कारोबार का ढांचा नए सिरे से तैयार करने पर विचार कर रही है।
 
बंबई स्टॉक एक्सचेंज को दी गई जानकारी के अनुसार 2800 करोड़ रुपये की कंपनी अपने कारोबार के ढांचे को कारोबारियों के लिए किए जाने वाले परिचालन में वृध्दि के लिए बदल रही है। कंपनी इससे पहले कारोबारियों के साथ अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए एक ही अंतरराष्ट्रीय कंपनी के तहत डैन रिवर, बेस्ट टेक्सटाइल और एचडब्ल्यू बेकर ब्रांड लाई थी।


अपने अमेरिकी कारोबार के लिए जीएचसीएल केन्द्रित कंपनियों की स्थापना कर रही है, जहां इसके सभी संस्थागत कारोबार और होटल व्यवसाय एक ही कंपनी के अंतर्गत आएंगे। जीएचसीएल के चेयरमैन, संजय डालमिया का कहना है, ‘जैसा कि समूह अमेरिकी रिटेल कारोबार में सीधे प्रवेश करने पर विचार कर रहा है, इससे वर्तमान में समूह के साथ बने हुए रिटेलरों और समूह के बीच विवाद पैदा होंगे, क्योंकि उनके ग्राहक तब भी वही रहेंगे जो पहले हैं।


वर्तमान में अमेरिका के रिटेल बाजार में छाई मंदी में जहां रिटेलर स्पलायर के खर्च पर खुद मुनाफा कमाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, वहां हमारी रणनीति से डैन रिवर के लिए आकर्षण कम हो जाएगा जिससे किसी तीसरे पक्ष से संबंध बनाए जा सकेंगे।’


जीएचसीएल सोडा एैश और घर में काम आने वाले कपड़ा कारोबार के ढांचे में बदलाव लाने के बारे में सोच रही है, जहां घर में काम आने वाले कपड़ा कंपनी का नाम फैबियंट होगा। पहले कदम के तहत, कंपनी भारत में अपनी घर में काम आने वाले कपड़ा इकाई के साथ फैबियंट को नया रंग-रूप देने की प्रक्रिया में है, जो इस वर्ष के दौरान की जाएगी।


फैबियंट पूर्वी यूरोप के ऐसे बाजारों पर ध्यान केन्द्रित करेगी जहां रिटेल अभी पूरी तरह से नहीं पनप सका है और भारत में जीएचसीएल की रिटेल कंपनी के रूप में धावा बोलेगी। यह कंपनी मजबूत स्रोत टीमों और भारत, पाकिस्तान और चीन में मौजूद अपने विक्रेताओं, भारतकंबोडिया और मैक्सिको में अपनी विनिर्माण इकाई के ढांचे का इस्तेमाल कर बनाई जाएगी।


अमेरिका में कंपनी का घर में काम आने वाले कपड़े का कारोबार लगभग 1100 करोड़ रुपये का है जिसमें वैश्विक आउटसोर्सिंग का योगदान लगभग 900 करोड़ रुपये का है। एक वर्ष के दौरान कंपनी को अपने इस कारोबार के 1600-2000 करोड़ रुपये के हो जाने की उम्मीद है।

First Published - April 21, 2008 | 11:57 PM IST

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