इस साल भीषण गर्मी की आशंका के साथ पूरे देश में एफएमसीजी और खासकर बेवरिज उत्पादों के लिए मांग बढ़ गई है। रिटेल इंटेलीजेंस फर्म बिजॉम के आंकड़े से पता चलता है कि किराना स्टोरों ने फरवरी से ही अपनी अलमारियां भरनी शुरू कर दी हैं।
पूरे देश में बिक्री में तेजी बेवरेज यानी शीतल पेय उत्पादों में दर्ज की जा रही है। पूर्व के मुकाबले पिछले महीने मुद्रास्फीति बढ़ने के बावजूद बेवरिज उत्पादों की बिक्री की रफ्तार तेज हो रही है।
बिजॉम में ग्रोथ ऐंड इनसाइट के प्रमुख अक्षय डिसूजा ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘एफएमसीजी उत्पादों की स्टॉकिंग करने वाले किराना स्टोरों की संख्या 8 महीने के ऊंचे स्तरों पर है और माल का भंडारण 20 प्रतिशत तक बढ़ गया है, क्योंकि ये स्टोर गर्मी के मौसम में सभी उत्पाद श्रेणियों में मांग बढ़ने की उम्मीद कर रहे हैं।’
उन्होंने कहा, ‘आउट-ऑफ-होम श्रेणी की खपत का बिक्री वृद्धि में बड़ा योगदान है। त्योहारी अवधि के बाद सतर्कता के साथ होने वाली खरीदारी को ध्यान में रखते हुए यह एक स्वागत योग्य बदलाव है।’
फरवरी में बेवरिज बिक्री मासिक आधार पर 84.6 प्रतिशत और पिछले साल के मुकाबले 4.3 प्रतिशत बढ़ी। पर्सनल केयर उत्पादों ने फरवरी में जनवरी की तुलना में 40.6 प्रतिशत और फरवरी 2022 के मुकाबले 10.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की।
डिब्बाबंद भोजन श्रेणी की बिक्री जनवरी की तुलना में फरवरी में 27.7 प्रतिशत बढ़ी, जबकि पिछले साल के मुकाबले इसमें 8.6 प्रतिशत इजाफा दर्ज किया गया।
ग्रामीण बिक्री में भी अच्छी तेजी आई है। पिछले साल के मुकाबले फरवरी में ग्रामीण बिक्री में 12.4 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई, जबकि शहरी बिक्री पिछले महीने 5.5 प्रतिशत बढ़ी।
पारले प्रोडक्ट्स में वरिष्ठ कैटेगरी प्रमुख मयंक शाह ने हाल में बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘खासकर ग्रामीण इलाकों में मांग बढ़ी है, क्योंकि रबी फसल की कटाई शुरू हो गई है। इस साल गेहूं की बंपर पैदावार होने और कीमतें ऊंची रहने से भी किसान अच्छी आय हासिल होने की उम्मीद कर रहे हैं।’
शाह ने कहा, ‘जनवरी से धारणा में सुधार आया है और हमने मांग में तेजी दर्ज की है। दीवाली के बाद मांग प्रभावित हुई थी, लेकिन अब इसमें सुधार आया है।’
डिसूजा ने कहा, ‘हमने अगस्त 2022 के बाद ग्रामीण खपत में तेजी के शुरुआती संकेत देखे हैं। अगस्त 2022 में ग्रामीण उपभोक्ताओं को त्योहारों के आगमन से पहले मुद्रास्फीति की चिंताओं का सामना करना पड़ा था। भारत के मध्य और पूर्वी हिस्सों में गर्मी के शुरू होते ही बिक्री में तेजी दिखने लगी है और दुकानदारों ने स्टॉक बढ़ाना शुरू कर दिया है।’
मध्य भारत ने सालाना आधार पर 36.2 प्रतिशत और पूर्वी क्षेत्र ने पिछले साल फरवरी के मुकाबले 21 प्रतिशत की बिक्री वृद्धि दर्ज की है। हालांकि दक्षिण भारत में मांग अभी तेज नहीं हुई हैऔर गर्मी से संबंधित स्टॉकिंग में तेजी आनी बाकी है।
23.3 प्रतिशत की सर्वाधिक वृद्धि के साथ तमिलनाडु इस संदर्भ में शीर्ष पर है, जबकि उत्तर प्रदेश ने पिछले साल की तुलना में इस साल फरवरी में 14.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। डिसूजा को इस साल एफएमसीजी उत्पादों की खपत में मजबूत तेजी आने की उम्मीद है, क्योंकि खाद्य मुद्रास्फीति 2023 में वैश्विक तौर पर कमजोर रहने का अनुमान है।