अप्रैल में 17 प्रतिशत की गिरावट के बाद देश से सिले-सिलाए कपड़ों के निर्यात में मई के दौरान सुधार के संकेत नजर आए हैं। तिरुपुर के निर्यातकों ने इस महीने के दौरान रुपये के लिहाज से वृद्धि का संकेत दिया, हालांकि वॉल्यूम को सामान्य होने में एक और महीना या अधिक समय लग सकता है।
वॉलमार्ट, एचऐंडएम हेन्स ऐंड मॉरिट्ज एबी (एचऐंडएम), टॉमी हिलफिगर और टारगेट देश की ‘निटवियर राजधानी’ को ऑर्डर देने वाली वैश्विक बड़ी कंपनियों में शामिल हैं।
तिरुपुर एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष केएम सुब्रमण्यन ने कहा ‘हालांकि निर्यात मूल्य अधिक है, लेकिन मात्रा अब भी पांच से 10 प्रतिशत कम है।’ सूत्रों के मुताबिक जून तक बिक्री में उछाल आने के आसार हैं।
सुब्रमण्यन ने कहा कि मांग में गिरावट के बावजूद तिरुपुर में विनिर्माण क्षमता में सरकार की नीतियों के चलते कम से कम 20 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा कि मात्रा के लिहाज से यह पांच से 10 प्रतिशत कम है, जबकि रुपये के लिहाज से इसमें इजाफा हुआ है। हमें वॉलमार्ट, एचऐंडएम, टॉमी हिलफिगर और टारगेट से अग्रिम ऑर्डर मिल रहे हैं।
वर्ष 2022-23 में 63,239 करोड़ रुपये के कुल निटवेअर निर्यात में से 54 प्रतिशत से अधिक या 34,350 करोड़ रुपये तिरुपुर से ही हुआ है। यह क्षेत्र अब वॉलमार्ट की हालिया बड़ी घोषणा पर दांव लगा रहा है।
अरकांसस स्थित मुख्यालय वाली खुदरा कंपनी के मुख्य कार्याधिकारी डग मैकमिलन ने मई की शुरुआत में घोषणा की थी कि उनकी कंपनी वर्ष 2027 तक प्रत्येक वर्ष भारत से 10 अरब डॉलर की आपूर्ति का लक्ष्य पूरा करेगी।
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन के अध्यक्ष ए शक्तिवेल ने कहा कि वॉलमार्ट ने अकेले भारत से ही 10 अरब डॉलर का सामान मंगाने को मंजूरी दी है। वह जो कुछ भी भारत से खरीदती है, उसका करीब 50 प्रतिशत तिरुपुर से होता है। जून के बाद से वृद्धि में 10 से 15 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी होगी।
उन्होंने कहा कि अमेरिकी मुद्रास्फीति में कमी और ईंधन के दामों में गिरावट की वजह से ऑर्डर प्रवाह में बदलाव देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि मुख्य रूप से ईंधन और गैस की कीमतों में वृद्धि से यूरोप की क्रय शक्ति पर असर पड़ रहा था।
अप्रैल में भारत का सिले-सिलाए कपड़ों का निर्यात रुपये के लिहाज से 17 प्रतिशत घटकर 9,929 करोड़ रुपये रह गया था, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 12,002 करोड़ रुपये था। डॉलर के लिहाज से यह निर्यात 23 प्रतिशत गिरकर 1.211 अरब डॉलर रहा।