स्वीडन की निजी इक्विटी कंपनी ईक्यूटी (EQT ) इस साल भारत में 5 अरब डॉलर तक का निवेश करने की योजना बना रही है, भले ही उसकी इकाई ईक्यूटी प्राइवेट कैपिटल एशिया ने एक नया मिड-मार्केट ग्रोथ फंड बंद कर दिया हो। इस फंड को निवेशकों से कुल 1.6 अरब डॉलर की रकम हासिल हुई थी।
ईक्यूटी ने नए फंड के लिए किसी देश का लक्ष्य तय नहीं किया है, लेकिन अनुमान है कि मिड-मार्केट ग्रोथ (MMG) फंड के लिए भारत सबसे बड़ा बाजार होगा। इस फंड ने अब तक चार निवेश किए हैं, जिनमें से दो निवेश भारतीय कंपनियों में किए गए।
ईक्यूटी दुनियाभर में 250 अरब डॉलर की परिसंपत्तियों का प्रबंधन करती है और उसने भारत में 30 से ज्यादा कंपनियों में 8 अरब डॉलर का निवेश किया है। इन कंपनियों में एचडीएफसी क्रेडिला, इंडियम सॉफ्टवेयर, इंदिरा आईवीएफ और ओ2 पावर मुख्य रूप से शामिल हैं।
इसके साथ, अब ईक्यूटी उन वैश्विक निजी इक्विटी कंपनियों की सूची में शामिल हो गई है जो भारत में बड़े निवेश की योजनाएं बना रही हैं।
भारत में 50 अरब डॉलर का निवेश कर चुके ब्लैकस्टोन ग्रुप ने आने वाले वर्षों में यहां 25 अरब डॉलर और लगाने की योजना बनाई है। इस निवेश का मुख्य फोकस इन्फ्रास्ट्रक्चर, डेटा केंद्र और लॉजिस्टिक पर होगा। न्यूयार्क की केकेआर ऐंड कंपनी भारत में अब तक 11 अरब डॉलर निवेश कर चुकी है और 10 अरब डॉलर और लगाना चाहती है।
इसी तरह, भारत में 17 अरब डॉलर निवेश कर चुकी सिंगापुर की टेमासेक ने अगले तीन साल के दौरान देश में हेल्थकेयर, आईटी, सास और फिनटेक क्षेत्रों में अन्य 9-10 अरब डॉलर लगाने की योजना बनाई है।
कनाडा की ब्रुकफील्ड ऐसेट मैनेजमेंट भी भारत के दूरसंचार टावर इन्फ्रास्ट्रक्चर, रियल्टी और अक्षय ऊर्जा क्षेत्रों में बड़ी निवेशक है और उसने अगले तीन से पांच साल के दौरान देश में 10 अरब डॉलर खर्च करने की योजना तैयार की है।
ईक्यूटी का एशिया-केंद्रित मिड-मार्केट बायआउट फंड भारत, दक्षिण पूर्व एशिया, जापान और ऑस्ट्रेलिया को प्राथमिकता देते हुए पूरे एशिया में प्रौद्योगिकी, सेवाओं और स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा। यह एशिया में ईक्यूटी के लार्ज-कैप बायआउट प्लेटफॉर्म का विस्तार है। ईक्यूटी के एक बयान में कहा गया है कि दुनिया भर में ईक्यूटी प्राइवेट कैपिटल ने अब 2024 में धन जुटाने का काम पूरा कर लिया है।
ईक्यूटी (EQT) ने कहा कि मिड मार्केट ग्रोथ रणनीति के तहत पूरे एशिया में हाई-ग्रोथ मिड-मार्केट कंपनियों में निवेश किया जाता है।
कंपनी ने अपने बयान में कहा , ‘यह क्षेत्र वैश्विक वृद्धि का केंद्र है और 2024 के अंत तक वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में 60 प्रतिशत योगदान की उम्मीद है। फिर भी, एशिया के निजी बाजार कम ही सेवाएं हैं। उदाहरण के लिए 2023 में वैश्विक रूप से जुटाई गई महज 9 प्रतिशत पूंजी एशिया-केंद्रित फंडों की झोली में गई।’
एमएमजी ईक्यूटी प्राइवेट कैपिटल एशिया की लार्जकैप बायआउट रणनीति का विस्तार है।