सरकार की इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम (ईएमपीएस) ने रफ्तार पकड़ ली है। योजना के संशोधित लक्ष्य का 60 फीसदी 15 अगस्त तक पूरा हो चुका है। इस योजना के तहत 5,60,000 वाहनों को सहयोग देने का लक्ष्य दिया गया था, जिसमें से 3,34,260 को सहयोग दिया जा चुका है। सुस्त शुरुआत के बाद यह उल्लेखनीय प्रगति है। यह परियोजना 1 अप्रैल को शुरू हुई थी और 15 जुलाई तक 10 फीसदी से कम लक्ष्य हासिल हुआ था। सरकारी सूत्रों ने इसका श्रेय नए कारोबारियों और मौजूदा कंपनियों द्वारा नए मॉडल पेश करने को दिया, जिसकी वजह से वितरण बढ़ा है।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘आज योजना के तहत 31 ओईएम पंजीकृत हैं, जो 168 मॉडलों की पेशकश कर रही हैं। चल रही प्रक्रिया शुरुआत में सुस्त, लेकिन मजबूत थी, क्योंकि हमने कड़े पात्रता मानक लागू किए हैं। लेकिन अब हम अपना संशोधित लक्ष्य पार करने की दिशा में सही राह पर हैं।’
पिछले महीने हुआ बदलाव उल्लेखनीय रहा क्योंकि संशोधित लक्ष्य का 60 फीसदी हासिल हो चुका है। भारी उद्योग मंत्रालय ने ईएमपीएस की अवधि 2 महीने बढ़ाकर सितंबर के आखिर तक कर दी है, जो शुरुआत में 31 जुलाई को खत्म होने वाली थी।
इस योजना के तहत लक्ष्य बढ़ाकर 3,72,215 यूनिट से 5,60,000 यूनिट कर दिया गया था, जिसके लिए कुल वित्तीय आवंटन संशोधित कर 500 करोड़ रुपये से 778 करोड़ रुपये किया गया है। एक अन्य अधिकारी ने नाम न सार्वजनिक करने की शर्त पर कहा, ‘अगर हम शुरुआती लक्ष्य से तुलना करें तो हमने करीब 90 फीसदी वाहनों को सहयोग का लक्ष्य हासिल कर लिया है।’
आवंटित राशि 778 करोड़ रुपये में से दावे की 27 फीसदी राशि (214 करोड़ रुपये) दे दी गई है। अगर पहले के आवंटन से तुलना करें तो राशि का उपयोग 42 फीसदी से ऊपर है।
कई प्रमुख मूल उपकरण विनिर्माता (ओईएम) इस योजना में हिस्सा ले रहे हैं, जिनमें एथर एनर्जी, ओला इलेक्ट्रिक, टीवीएस, हीरो मोटोकॉर्प, काइनेटिक, रिवोल्ट, महिंद्रा, पियाजियो व अन्य शामिल हैं। ईएमपीएस के तहत 13 इलेक्ट्रिक दोपहिया (ई2डब्ल्यू) और 10 इलेक्ट्रिक तिपहिया (ई3डब्ल्यू)कंपनियां अप्रैल में शामिल थीं।
मई में सिर्फ एक ई2डब्ल्यू और 4 ई3डब्ल्यू कंपनियां शामिल हुईं। जून में 5 ई2डब्ल्यू कंपनियां शामिल हुईं और जुलाई में एक ई3डब्ल्यू कंपनी शामिल हुईं। 3 ओईएम-बजाज, काइनेटिक और गोदावरी ई2डब्ल्यू और ई3डब्ल्यू दोनों श्रेणियों में शामिल हैं।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के वाहन आंकड़ों के मुताबिक जुलाई महीने में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री इसके पहले महीने की तुलना में करीब 28 फीसदी बढ़ी और चालू वित्त वर्ष में एक माह की अधिकतम बिक्री हुई। अगर कैलेंडर वर्ष 2024 के आंकड़े देखें तो ईवी की बिक्री पहले 7 महीने में 10 लाख के आंकड़े को पार कर चुकी हैं।
उपरोक्त उल्लिखित एक अधिकारी ने कहा, ‘ईवी की बिक्री में बढ़ोतरी की एक वजह सरकार द्वारा दावे के वितरण में सुधार भी है। योजना से इस सेक्टर को मदद मिली है और इस बिक्री नई ऊंचाई पर पहुंची है।’
इस सेक्टर के विशेषज्ञों का कहना है कि जुलाई में बिक्री भारी छूट और ग्राहकों द्वारा खरीद में जल्दबाजी करने की वजह से हुई है। इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम की 31 जुलाई की आखिरी तिथि का भी इसमें योगदान रहा।