अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल और उत्पाद के दामों में लगातार उतार-चढ़ाव से वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही के दौरान तेल मार्केटिंग कंपनियों (OMC) की कमाई को फायदा पहुंचने के आसार हैं। विश्लेषकों ने यह संभावना जताई है।
सरकार द्वारा संचालित IOCL, BPCL और HPCL जैसी कंपनियों को चौथी तिमाही के दौरान परिचालन आय में दमदार अनुक्रमिक सुधार दिख सकता है, जिसके परिणाम आने वाले दिनों में जारी किए जाने हैं। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके परिणामस्वरूप पिछली पांच तिमाहियों में पहली बार डीजल का मार्जिन सकारात्मक होने वाला है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 24 जून, 22 को समाप्त हुए सप्ताह में पेट्रोल पर 17.4 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 27.7 रुपये प्रति लीटर के रिकॉर्ड स्तर के नुकसान के बाद पिछले छह महीने के दौरान मार्जिन में लगातार सुधार हुआ है।
कई विश्लेषकों का कहना है कि मिश्रित विपणन मार्जिन बढ़कर दिसंबर के करीब 2.5 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गया, जो 10 महीने का शीर्ष स्तर है। पिछली दो तिमाहियों में घाटा दर्ज करने के बाद वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में पेट्रोल का मार्केटिंग मार्जिन सुधरकर लगभग 10 रुपये प्रति लीटर हो चुका है।
अलबत्ता घरेलू रिफाइनरों के मामले में रिफाइनिंग के वॉल्यूम में डीजल की हिस्सेदारी 45 प्रतिशत है, जहां तिमाही आधार पर यह 14 डॉलर प्रति बैरल बीबीएल से नीचे है।
प्रभुदास लीलाधर में अनुसंधान विश्लेषक अविषेक दत्ता ने कहा कि इसलिए हालांकि रिफाइनिंग लाभ कम रहेगा, लेकिन मार्केटिंग मार्जिन में तेज सुधार चौथी तिमाही के कर उपरांत लाभ (PAT) को तीसरी तिमाही के 27.4 अरब रुपये से बढ़ाकर 115.7 अरब रुपये कर देगा।
वित्त वर्ष 23 में रिकॉर्ड स्तर के अधिक सकल रिफाइनिंग मार्जिन (GRM) ने हाल के महीनों में मार्केटिंग सेक्टर में घाटे की आंशिक रूप से भरपाई की है। GRM वह राशि होती है, जो रिफाइनर कच्चे तेल के प्रत्येक बैरल को परिष्कृत ईंधन उत्पादों में तब्दील करने से कमाते हैं।
दत्ता ने कहा कि कम GRM के बावजूद तीसरी तिमाही में तीन रुपये के नुकसान की तुलना में मिश्रित मार्जिन के मार्केटिंग लाभ में 3.3 रुपये प्रति लीटर के सुधार की वजह से हमें उम्मीद है कि OMC के परिणाम परिचालन रूप से बेहतर रहेंगे।उन्होंने कहा कि बेंचमार्क सिंगापुर का मार्जिन चौथी तिमाही में 8.2 डॉलर प्रति बैरल के अधिक स्तर पर था, जबकि तीसरी तिमाही में यह 6.1 डॉलर प्रति बैरल था।
सरकार ने संसद को बताया है कि सार्वजनिक क्षेत्र की तेल मार्केटिंग कंपनियों ने वित्त वर्ष 23 के पहले नौ महीने के दौरान 18,622 करोड़ रुपये का संचयी घाटा दर्ज किया है, जबकि वित्त वर्ष 22 की समान अवधि में 28,360 करोड़ रुपये का कर पूर्व लाभ (PBT) दर्ज किया गया था।
यह मुख्य रूप से पेट्रोल, डीजल और एलपीजी के मामले में कम सुधार या खुदरा बिक्री मूल्य और अंतरराष्ट्रीय दर के बीच अंतर के कारण हुआ था। सरकार ने कहा है कि फरवरी 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद और 6 अप्रैल, 2022 से पेट्रोल पंपों पर दोनों वाहन ईंधनों के दाम नियंत्रित रहने के बाद से कच्चे तेल की कीमतों में अभूतपूर्व उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ा है।