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डायग्नोस्टिक कंपनियों को रोकथाम और स्वास्थ्य बेहतरी के परीक्षणों से उम्मीद

उद्योग की कई कंपनियों के कुल कारोबार में अब इन परीक्षण की हिस्सेदारी लगभग 10 से 20 प्रतिशत है।

Last Updated- February 25, 2024 | 11:06 PM IST
डायग्नोस्टिक कंपनियों को रोकथाम और स्वास्थ्य बेहतरी के परीक्षणों से उम्मीद, Preventive and wellness tests drive growth for diagnostic companies

डायग्नोस्टिक कंपनियां अपना राजस्व बढ़ाने के लिए एकमुश्त परीक्षण के पैकेजों के साथ-साथ रोकथाम और बेहतरी के परीक्षणों पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। उद्योग की कई कंपनियों के कुल कारोबार में अब इन परीक्षण की हिस्सेदारी लगभग 10 से 20 प्रतिशत है।

डॉ. लाल पैथलैब्स के कार्यकारी चेयरमैन अरविंद लाल ने दिसंबर तिमाही के नतीजों के बाद विश्लेषकों की बैठक में कहा कि भारत का डायग्नोस्टिक क्षेत्र तेज बदलाव के दौर से गुजर रहा है। गैर-संचारी रोगों के बढ़ते मामलों के साथ-साथ नए उभरते और मौजूदा संचारी रोगों, जांच आधारित इलाज अपनाने और रोकथाम स्वास्थ्य देखभाल की जांच पर बढ़ते जोर से विकास की यह रफ्तार कायम रहने की उम्मीद है।

डॉ. लाल पैथलैब्स पहले से ही अपने कुल राजस्व का लगभग 20 प्रतिशत हिस्सा ‘स्वास्थ्यफिट’ (पूरी शारीरिक जांच वाला पैकेज) से हासिल कर रही है। डॉ. लाल पैथलैब्स के प्रबंध निदेशक ओम मनचंदा ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि इन दिनों बंडल परीक्षण अधिक आम हैं क्योंकि इनसे रोगियों को फायदा होता है(उनके स्वास्थ्य मापदंडों की सारी जानकारी पेश करके)।

साथ ही, इससे डायग्नोस्टिक कंपनियों को किसी मशीन पर एक ही समय पर परीक्षण करने में भी मदद मिलती है, जिससे बड़ी बचत होती है। उन्होंने कहा ‘हमारे ‘स्वस्थफिट’ पैकेज अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। इस समय हमारे राजस्व में बंडल परीक्षणों का हिस्सा लगभग 20 प्रतिशत है और हमें ये बढ़ते हुए नजर आ रहे हैं।’

एगिलस डायग्नोस्टिक्स के मुख्य कार्या​धिकारी आनंद के ने कहा कि स्वास्थ्य की बेहतरी और रोकथाम का कुल बाजार वित्त वर्ष 23 तक कुल पैथोलॉजी डायग्नोस्टिक्स श्रेणी का लगभग 19 प्रतिशत रहने का अनुमान है तथा यह वित्त वर्ष 23 और वित्त वर्ष 28 के बीच 13.5 से 15.5 प्रतिशत की स्वस्थ दर से बढ़ने की उम्मीद है। इसकी अगुआई कई प्रमुख कारक करेंगे, जिनमें खर्च योग्य आय में वृद्धि, शहरीकरण में वृद्धि तथा कोविड-19 के बाद रोकथाम और स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता बढ़ना शामिल है।

हाल के वर्षों में भारत में रोकथाम स्वास्थ्य जांच की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और कोविड-19 महामारी के कारण खुद से ही जांच कराने को लेकर जागरूकता बढ़ी है, विशेष रूप से रोकथाम और बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में। उन्होंने कहा ये स्वास्थ्य पैकेज पहले से मौजूद बीमारियों की पहचान करने और वास्तविक लक्षणों की शुरुआत से पहले किसी विशेष बीमारी के जोखिम का आकलन करने में मदद करते हैं। पोलरिस मार्केट रिसर्च के अनुसार साल 2023 में भारत का डायग्नोस्टिक सेवा उद्योग करीब 16.2 अरब डॉलर का रहने का अनुमान है।

First Published - February 25, 2024 | 11:06 PM IST

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