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कर्ज चूक मामले में डेलावेयर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से Byju’s को लगा झटका, ऋणदाताओं ने किया स्वागत

डेलावेयर अदालत में जिस मामले की सुनवाई हुई वह बैजूस की मूल कंपनी थिंक ऐंड लर्न बी द्वारा 1.5 अरब डॉलर के कर्ज की गारंटी से संबं​धित था।

Last Updated- September 24, 2024 | 10:08 PM IST
Byju's

एडटेक क्षेत्र की दिग्गज कंपनी बैजूस (Byju’s) को अमेरिका की एक अदालत के फैसले से बड़ा झटका लगा है। डेलावेयर के सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि ऋण समझौते के तहत बैजूस ने 1.5 अरब डॉलर के ऋण भुगतान में चूक की थी जिससे ऋणदाताओं को उसके ​खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार है।

इस फैसले से ऋणदाताओं को बैजूस की अमेरिकी संप​त्तियों खास तौर पर बैजूस अल्फा इंक सहित अन्य संप​त्तियों का नियंत्रण अपने हाथों में लेने और कंपनी से पूरा कर्ज वसूलने की अनुमति मिल गई है। इसके लिए ऋणदाताओं ने ने टिमोथी पोल को बैजूस के अल्फा इंक का एकमात्र निदेशक नियुक्त किया है।

ऋणदाताओं ने अपने बयान में कहा, ‘हम इसका स्वागत करते हैं कि डेलावेयर सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में उस बात की पुष्टि की जिसे हम हमेशा से जानते थे, बैजूस ने जानबूझकर और ऋण समझौते का उल्लंघन किया और भुगतान में चूक की। अदालत का यह फैसला इसकी पुष्टि करता है कि बैजूस ने चूक की थी, जिसे बैजू रवींद्रन और ऋजु दोनों ने व्य​क्तिगत तौर पर जानते थे क्योंकि उन्होंने अक्टूबर 2022 से जनवरी 2023 तक बैजूस की ओर से ऋण समझौते में कई संशोधनों पर हस्ताक्षर किए थे।’

बैजूस ने कहा कि डेलावेयर अदालत द्वारा दिए गए फैसले का भारत में चल रही कानूनी कार्यवाही पर कोई असर नहीं पड़ेगा। डेलावेयर की अदालत ने शेल कंपनी बैजूस अल्फा इंक के निदेशक के रूप में उनके एक नामांकित व्यक्ति की वैधता पर चांसरी अदालत के एक फैसले को बरकरार रखा है।

बयान में आगे कहा गया है, ‘जैसा कि डेलावेयर सुप्रीम कोर्ट द्वारा पु​ष्टि की गई है, ऋणदाता ने जिस तरह से टर्म लोन की वसूली में तेजी लाई और बैजूस की अल्फा इंक का नियंत्रण लेने की कवायद की वह समझौते के तहत प्रदत्त अधिकारों के तहत ही था।’

डेलावेयर अदालत में जिस मामले की सुनवाई हुई वह बैजूस की मूल कंपनी थिंक ऐंड लर्न बी द्वारा 1.5 अरब डॉलर के कर्ज की गारंटी से संबं​धित था।

कानून के विशेषज्ञों ने कहा कि डेलावेयर के सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने पु​ष्टि की है कि बैजूस ने 1.5 अरब डॉलर के ऋण भुगतान में चूक की है। लॉ फर्म टेकलेजिस एडवोकेट्स ऐंड सॉलिसीटर्स में मैनेजिंग पार्टनर सलमान वारिस ने कहा, ‘इससे ऋणदाताओं को कार्रवाई करने का अधिकार मिल गया है और उन्हें अमेरिका में बैजूस की संपत्ति (अल्फा इंक) को अपने नियंत्रण में लेने और ऋण भुगतान की मांग करने की अनुमति मिल गई है।’ उन्होंने कहा कि इस फैसले से कंपनी के भारतीय कारोबार पर सीधा या तत्काल कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा मगर लंबी अव​धि के लिहाज से यह नजीर बनेगा और उक्त निर्णय का अन्य अदालतों द्वारा भी संज्ञान लिया जा सकता है।

वारिस ने कहा, ‘इस फैसले से बैजूस की अमेरिकी संप​त्ति पर असर पड़ेगा क्योंकि भारत का कारोबार उक्त अदालत के न्यायिक अ​धिकार क्षेत्र में नहीं आता है। लेकिन अदालत ने बैजूस के खिलाफ कार्रवाई की है जिसका असर अन्य मुकदमेबाजी पर पड़ सकता है या बैजूस के ऋणदाताओं द्वारा एडटेक फर्म के खिलाफ इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।’

First Published - September 24, 2024 | 10:08 PM IST

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