facebookmetapixel
अक्टूबर में GST की आमदनी ₹1.96 ट्रिलियन, त्योहारों ने बढ़ाई बिक्री लेकिन ग्रोथ धीमीत्योहारों ने बढ़ाई UPI की रफ्तार, अक्टूबर में रोजाना हुए 668 मिलियन ट्रांजैक्शनHUL पर ₹1,987 करोड़ का टैक्स झटका, कंपनी करेगी अपीलSrikakulam stampede: आंध्र प्रदेश के मंदिर में भगदड़, 10 लोगों की मौत; PM Modi ने की ₹2 लाख मुआवजे की घोषणाCar Loan: सस्ते कार लोन का मौका! EMI सिर्फ 10,000 के आसपास, जानें पूरी डीटेलBlackRock को बड़ा झटका, भारतीय उद्यमी पर $500 मिलियन धोखाधड़ी का आरोपकोल इंडिया विदेशों में निवेश की दिशा में, पीएमओ भी करेगा सहयोगLPG-ATF Prices From Nov 1: कमर्शियल LPG सिलेंडर में कटौती, ATF की कीमतों में 1% की बढ़ोतरी; जानें महानगरों के नए रेटMCX पर ट्रेडिंग ठप होने से सेबी लगा सकती है जुर्मानासीआईआई ने सरकार से आग्रह किया, बड़े कर विवादों का तेज निपटारा हो

डर की वजह से भी गूगल का विरोध नहीं कर रहीं हैं कंपनियां: मुरुगवल जानकीरमन

Last Updated- May 22, 2023 | 7:14 PM IST
‘Companies are not protesting against Google due to fear’
BS

मैट्रीमॉनी डॉटकॉम ने टेक दिग्गज गूगल के ​खिलाफ आवाज उठाकर मीडिया की ध्यान आक​र्षित किया है। चेन्नई की इस कंपनी के संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी (CEO) मुरुगवल जानकीरमन ने शाइन जैकब के साथ बातचीत में गूगल से टकराव, कोविड के बाद भारतीय विवाह बाजार में बदलाव और आगामी रूपरेखाओं पर विस्तार से चर्चा की। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश:

क्या आप गूगल के साथ अपनी समस्याओं के बारे में विस्तार से बता सकते हैं?

इसकी शुरुआत अमेरिका में ऐपल के साथ हुई। क्योंकि ऐपल ने हाल में कहा कि उसके गेम डेवलपरों को सिर्फ ऐपल बिलिंग पेमेंट सिस्टम का इस्तेमाल करने की जरूरत होगी। गूगल ने भारत में भी समान नीति पेश की है। करीब 95 प्रतिशत भागीदारी के साथ भारत में गूगल का दबदबा है। हम सीसीआई को यह इससे अवगत कराना चाहेंगे कि आप किसी कंपनी को गूगल बिलिंग पेमेंट सिस्टम इस्तेमाल करने के लिए बाध्य नहीं कर सकते।

वहीं गूगल के अनुसार, यदि कोई ऑनलाइन सेवा इस्तेमाल कर रहे हैं तो आपको सिर्फ अपनी पेमेंट प्रणाली इस्तेमाल करनी होगी, लेकिन आपको अन्य पेमेंट गेटवे की तुलना में 15-30 प्रतिशत देना होगा, हां आप सिर्फ 1.5 प्रतिशत चुकाते हैं।

सीसीआई ने कहा है कि आप कंपनियों को गूगल बिलिंग पेमेंट सिस्टम इस्तेमाल करने के लिए बाध्य नहीं कर सकते और यूजर्स को अन्य भुगतान प्रणालियों का चयन करने की अनुमति दी जानी चाहिए।

गूगल ने कहा कि इससे उपयोगकर्ताओं को इस तरह की अनुमति मिलेगी, लेकिन यदि आप अन्य पेमेंट गेटवे इस्तेमाल करेंगे तो महीने के आ​खिर तक आपको इसकी रिपोर्ट देनी होगी और 11 प्रतिशत या 26 प्रतिशत का भुगतान करना होगा। समस्या यह नहीं है कि आप गूगल बिलिंग पेमेंट का इस्तेमाल कर रहे हैं या फिर अन्य पेमेंट प्रणाली की, लेकिन यदि आप गूगल इस्तेमाल कर रह हैं आपको 15-30 प्रतिशत चुकाना होगा और यदि अन्य पेमेंट गेटवे के तहत 11-26 प्रतिशत भुगतान करना होगा। इसे लेकर हम फिर से सीसीआई के पास जाएंगे।

मद्रास उच्च न्यायालय में इस मामले पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है?

हमने कई आधार पर गूगल को मद्रास उच्च न्यायालय में चुनौती दी है। पेमेंट ऐंड सेटलमेंट सिस्टम्स ऐक्ट (धारा 10A) में कहा गया है कि खास राजस्व से ऊपर की कंपनियों को UPI इस्तेमाल करना होगा। UPI पर कोई कमीशन नहीं है। प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से, आप यूपीआई ट्रांजैक्शन पर शुल्क नहीं वसूल सकते।

गूगल का कहना है कि मैं भुगतान प्रदाता नहीं हूं, मैं प्लेटफॉर्म प्रदाता हूं। वह सरकारी नियमों का उल्लंघन कर रहा है। अन्य लोग जान-बूझकर या डरकर गूगल का विरोध नहीं कर रहे हैं। हमारे साथ ज्यादा लोग जुड़ रहे हैं।

मद्रास उच्च न्यायालय ने हमें अंतरिम आदेश दिया है, जिससे गूगल को भारत मैट्रीमॉनी और गूगल के एंड्रॉयड प्ले स्टोर से उसकी भागीदारी समाप्त करने से रोकने के लिए बाध्य होना पड़ा है। आप ऐसी कंपनियों से क्यों डर रहे हैं? यह हमारा देश है और हम सब यहां व्यवसाय करने के लिए हैं। हम गूगल पर हर महीने करीब 4 करोड़ रुपये खर्च कर रहे हैं। ऐसा भी नहीं है कि गूगल प्लेटफॉर्म हमसे पैसा नहीं ले रहा है।

भारत में विवाह बाजार के लिए आपका क्या नजरिया है, खास ऐसे समय में, जब आप मैचमे​किंग और मैरिज सेवा सेगमेंटों में है?

भारतीय विवाह बाजार का आकार कम से कम 100 अरब डॉलर का होगा। करीब 6 करोड़ लोग भारत में जीवनसाथी की तलाश कर रहे हैं और करीब 1-1.2 करोड़ शादियां हर साल होती हैं। मौजूदा समय में यह उद्योग करीब 1 करोड़ लोगों को सेवा मुहैया कराने में सक्षम हो सकता है और इसकी वृद्धि इस पर निर्भर करेगी कि शेष 5 करोड़ लोगों में से कितने प्रतिशत ऑनलाइन के जरिये शादियां कर सकते हैं। अन्य श्रे​णियों के विपारीत, यह श्रेणी में स्थायी उपयोगकर्ता नहीं होंगे। हमारी संपूर्ण पेड ट्रांजैक्शन यानी पैसा देकर मैट्रीमॉनी पर ट्रांजैक्शन हर साल अब करीब 990,000 के आसपास है। मैचमे​किंग श्रेणी में हम अगले तीन-चार साल में 500 करोड़ रुपये की उम्मीद कर रहे हैं। और आगे चालकर 1,000 करोड़ रुपये का आंकड़ा छुएंगे।

Also read: Amazon Fresh 60 से ज्यादा शहरों में बढ़ाएगी मौजूदगी, 249 रुपये से ज्यादा की शॉपिंग पर मिल सकती है फ्री डिलिवरी

आप उत्तर भारतीय बाजार में शानदार सफलता हासिल क्यों नहीं कर पाएं हैं?

हम इस बाजार में धीरे धीरे अपना दबदबा बढ़ाने में सफल रहेंगे। उत्तर में, हम मजबूत कंपनियों में से एक हैं और शीर्ष-3 में शुमार हैं। द​क्षिण में, हमारी बाजार भागीदारी 95 प्रतिशत है, जबकि पूर्व में यह करीब 60-70 प्रतिशत है और प​श्चिम में भी हम नंबर एक पर हैं। हमारे पास 300 प्लेटफॉर्म हैं और भारत मैट्रीमॉनी सबसे बड़ा है। हमने धर्म, भाषा, समुदाय और पेशेवर आधार समेत सभी सेगमेंटों पर ध्यान दिया है। जहां तक विस्तार का सवाल है, हम बांग्लादेश और प​श्चिम ए​शिया में हैं और श्रीलंका में भी संभावनाएं तलाश रहे हैं।

First Published - May 22, 2023 | 7:14 PM IST

संबंधित पोस्ट