Byju’s-BCCI Deal: भारत की एडटेक कंपनी बायजूस (Byju’s) अब दिवाला कार्यवाही के आदेश के खिलाफ याचिका दायर करने का फैसला लिया है। एडटेक की तरफ से यह फैसला तब आया है जब कंपनी मामलों की सुनवाई करने वाले ट्रिब्यूनल- नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने भारत की सबसे बड़ी क्रिकेट संस्था BCCI को बायजूस (Byju’s) के खिलाफ दिवाला कार्यवाही शुरू करने की मंजूरी दे दी है।
NCLT की बेंगलूरु बेंच की तरफ से बायजूस के खिलाफ दिवाला कार्यवाही शुरू करने का आदेश कल यानी 16 जुलाई को आया था। आदेश के बाद बायजूस ने अपने बयान में कहा कि वह BCCI के साथ सुलह करने की कोशिश कर रही है। कंपनी BCCI के साथ कोई सौहार्दपूर्ण समझौता करना चाहती है।
कंपनी के प्रवक्ता ने बयान दिया था, ‘हमने हमेशा कहा है कि हम BCCI के साथ कोई सौहार्दपूर्ण समझौता करना चाहते हैं। हमें विश्वास है कि इस आदेश के बावजूद हमारे बीच सुलह हो सकती है। इस बीच हमारे वकील आदेश पढ़ रहे हैं और वे कंपनी के हितों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे।’लेकिन आज मीडिया एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट ने बताया कि अब एडटेक NCLT के आदेश के खिलाफ याचिका दायर करेगी।
रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से बताया कि Byju’s इस सप्ताह नई दिल्ली में कंपनी कानून अपील न्यायाधिकरण (NCLAT) में अपील दायर की जाएगी। सूत्रों में से एक ने कहा, BCCI के साथ समझौते की बातचीत चल रही है लेकिन कंपनी दिवालिया प्रक्रिया को रोकना चाहती है।’
दरसअल, BCCI और Byju’s के बीच प्रायोजन अनुबंध (sponsorship contract) 2019 में हुआ था। उस समय कंपनी ने भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी के स्पॉन्सर के रूप में मोबाइल फोन निर्माता ओपो (OPPO) की जगह ली थी। यह कॉन्ट्रैक्ट 2022 में समाप्त होना था मगर इसे 2023 तक बढ़ा दिया गया था।
लेकिन कंपनी बाद में कर्ज के बोझ के तले दबती गई और कानूनी कार्रवाइयां शुरू हुईं। कई दिवाला प्रक्रियाएं देश-विदेश में चलने लगीं और 2023 में ब्रांडिंग पार्टनरशिप का रिन्यूअल ही नहीं हो सका।
BCCI ने Byju’s पर 158 करोड़ रुपये का बकाया न चुकाने का आरोप लगाया है। जो जर्सी के स्पॉन्सरशिप कॉन्ट्रैक्ट को लेकर है। BCCI इस मामले को लेकर NCLT चली गई और इसकी पैरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड (Think & Learn Pvt Ltd) के खिलाफ बकाया न चुकाने के लिए याचिका दायर कर दी।
16 जुलाई 2024 को NCLT ने एडटेक कंपनी Byju’s की पैरेंट कंपनी थिंक ऐंड लर्न के खिलाफ भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) की दिवालिया याचिका स्वीकार कर ली। NCLT ने एडटेक के फाउंडर बायजू रवींद्रन की जगह पंकज श्रीवास्तव को अंतरिम समाधान पेशेवर (interim resolution professional/IRP) नियुक्त किया है।
इसका मतलब यह है कि अंतरिम समाधान पेशेवर लेनदारों की समिति (CoC) गठित होने तक कंपनी के कामकाज की देखरेख करता है। लेनदारों की समिति दिवालिया प्रक्रिया में निर्णय लेने वाली संस्था होती है।
Byju’s अब मोरेटोरियम के दायरे में है। इसका मतलब यह हुआ कि कंपनी के खिलाफ कर्ज की वसूली, एसेट्स की बिक्री या ट्रांसफर या जरूरी कॉन्ट्रैक्ट्स को खत्म करने के लिए कोई न्यायिक कार्यवाही शुरू नहीं की जा सकती है।