Byju’s Crisis: आर्थिक संकट से जूझ रही एडटेक फर्म बायजू के सीईओ बायजू रवींद्रन ने हाल ही में शिक्षकों को सूचित किया कि वह कुछ फंड उधार लेने में कामयाब रहे हैं। 21 सितंबर को शिक्षकों को भेजे गए एक ईमेल में रवींद्रन ने वेतन भुगतान में लंबे समय से चली आ रही देरी को स्वीकार करते हुए वित्तीय संकट के लिए माफी मांगी।
उन्होंने कहा कि शिक्षकों ने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया है, फिर भी कंपनी उनके काम की भरपाई नहीं कर पाई, जो कि सही नहीं है और इसके लिए उन्हें खेद है।
रवींद्रन ने आगे बताया कि तमाम बाधाओं के बावजूद वह कुछ फंड जुटाने में सफल हुए हैं, जिससे इस वीकेंड तक शिक्षकों को एक छोटा सा भुगतान किया जाएगा। साथ ही उन्होंने शिक्षकों से चुनौतियों के बावजूद नरम बने रहने का आग्रह किया।
2022 में बायजू का मूल्यांकन 22 अरब डॉलर था, लेकिन नियामक मुद्दों और निवेशकों के साथ विवादों के कारण कंपनी की स्थिति बिगड़ गई, जिससे यह दिवालियापन की कगार पर पहुंच गई है।
बायजू रवींद्रन ने एम्प्लॉइज से कही ये बात-
बायजू के संस्थापक और सीईओ बायजू रवींद्रन ने कर्मचारियों से कहा, “इस वीकेंड तक आप सभी को एक छोटी राशि का भुगतान किया जाएगा। यह उतना नहीं है, जितना आप हकदार हैं, लेकिन वर्तमान स्थिति में मैं केवल इतना ही कर सकता हूं। मैं आपसे यह वादा करता हूं कि जिस दिन हम अपनी कंपनी पर दोबारा नियंत्रण हासिल करेंगे, उस दिन आपको आपकी हिस्सेदारी से कहीं अधिक मिलेगा।”
बायजू रवींद्रन ने कर्मचारियों को लिखे पत्र में कहा, “आज मैं आपसे बायजू के संस्थापक के रूप में नहीं, बल्कि एक शिक्षक के रूप में बात कर रहा हूं। मैं समझता हूं कि हर दिन कक्षा के सामने खड़े होकर पढ़ाना, खासकर जब हालात मुश्किल हों, कितना कठिन होता है। और पिछले तीन महीनों से आप सभी यही कर रहे हैं, यह मैं जानता हूं।” बता दें कि इस पत्र की एक प्रति बिजनेस स्टैंडर्ड ने देखी है।
उन्होंने कहा, “मैं आपसे माफी मांगता हूं। आपने अपनी ओर से सर्वश्रेष्ठ दिया है, फिर भी हम आपके काम का सही मुआवज़ा नहीं दे पाए हैं। यह सही नहीं है और इसके लिए मैं वास्तव में माफी चाहता हूं। पिछले तीन महीनों में हम कानूनी लड़ाइयों, वित्तीय अनिश्चितताओं और ऐसी चुनौतियों से गुजरे हैं जिनकी हमने कभी कल्पना नहीं की थी। लेकिन इस दौरान आप सभी मज़बूती से खड़े रहे। आपने एक शिक्षक की सबसे ऊंची जिम्मेदारी निभाई है — शिक्षित करना, प्रेरित करना और मार्गदर्शन देना।”
रवींद्रन ने बताया कि कंपनी इस समय दिवाला प्रक्रिया से गुजर रही है, जिसे बायजू ने अदालत में चुनौती दी है।
बायजू रवींद्रन ने कहा, “हम इस कंपनी में विश्वास करते हैं, अपने मिशन में विश्वास करते हैं, और सबसे महत्वपूर्ण, हम आप पर विश्वास करते हैं। हम जानते हैं कि बायजू सिर्फ एक व्यापार मॉडल नहीं है। हम देशभर के लाखों छात्रों की सेवा करते हैं, और यह आप जैसे हजारों शिक्षकों की कड़ी मेहनत से ही संभव हो पाता है।”
उन्होंने कहा कि इस समय कई कानूनी लड़ाइयां चल रही हैं। उन्होंने बताया कि अमेरिका स्थित कुछ कर्जदाताओं ने कंपनी की भारतीय संपत्तियों पर दावा करते हुए एक कमजोर मामला दायर किया है।
बायजू रवींद्रन ने कहा, “लेकिन इन संपत्तियों पर उनका कोई हक नहीं है, जैसा कि हमारे समझौते में साफ लिखा है। भारत में उनका प्रतिनिधित्व करने वाला जो ट्रस्ट है, उसकी कोई कानूनी मान्यता नहीं है और वह इन सभी कर्जदाताओं की ओर से बात नहीं करता। “फिर भी सच्चाई यह है कि अब कंपनी के बैंक खातों पर मेरा नियंत्रण नहीं है। हमें पूरा भरोसा है कि हम यह मामला जीतेंगे, लेकिन जब तक ऐसा नहीं होता, मैं समझता हूँ कि इसका बोझ आप सभी पर पड़ रहा है।”
उन्होंने कहा कि यह कोई बहाना नहीं है। कर्मचारियों के पास अपने बिल चुकाने, परिवार का पालन-पोषण करने और जीवन जीने की जिम्मेदारी है।
रवींद्रन ने कहा, “और फिर भी, इन कठिन तीन महीनों के दौरान, आप लगातार काम करते रहे। आपने कक्षाएं लीं, छात्रों की शंकाएं सुलझाईं, कंटेंट बनाया और हमारे छात्रों को जोड़े रखा। आपने यह सब कुछ बिना किसी अतिरिक्त मांग के किया, भले ही आपकी सहनशीलता कम हो रही हो।”
बायजू के सीईओ बायजू रवींद्रन ने कहा कि एक शिक्षक मुश्किल रास्तों से नहीं रुकता। शिक्षक अपनी राह पर चलता रहता है, क्योंकि उद्देश्य संघर्ष से कहीं बड़ा होता है।
रवींद्रन ने आगे कहा, “आपने सच्ची निष्ठा का मतलब दिखाया है। आपने मुझे फिर से सिखाया कि एक शिक्षक होने का क्या अर्थ है। इन चुनौतियों के बावजूद, आपने उनसे ऊपर उठने का निर्णय लिया है, और इसके लिए मैं तहे दिल से, हमेशा के लिए आपका आभारी रहूंगा।”
उन्होंने कहा, “अगर मैं कर सकता, तो मैं आपको उन सभी परेशानियों से बचा लेता जो हमारे सामने आई हैं। लेकिन आपने इस मुश्किल समय को धैर्य, मजबूती और आत्मविश्वास के साथ संभाला है, जो मुझे विनम्र करता है।”
उन्होंने आगे कहा, “मुझे यकीन है कि हम सभी मिलकर इससे पहले से ज्यादा मजबूत होकर उभरेंगे। हम रुक नहीं सकते। हम धीमे भी नहीं हो सकते, क्योंकि लाखों छात्र हम पर निर्भर हैं। वही कारण हैं कि हम आगे बढ़ते जा रहे हैं, वही कारण हैं कि हम इन लड़ाइयों को लड़ रहे हैं, और वही कारण हैं कि हम इसमें जीत हासिल करेंगे।”