भारत में वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) साल 2024 में और ज्यादा रफ्तार हासिल करने वाले हैं। एंड-टु-एंड जीसीसी परामर्श फर्म एएनएसआर अगले साल देश में बड़े स्तर पर काम करने वाले लगभग 25 जीसीसी स्थापित करने की योजना बना रही है।
लागत, प्रतिभा और मूल्य निर्माण जैसे कारक बहुराष्ट्रीय कंपनियों को भारत में और ज्यादा जीसीसी स्थापित करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
एएनएसआर के संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी ललित आहूजा ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया ‘वर्तमान में हम हर तीन सप्ताह में एक केंद्र स्थापित कर रहे हैं और अगले साल हर दो सप्ताह में एक स्थापित करने पर विचार कर रहे हैं। बड़े पैमाने वाले जीसीसी 10 अरब डॉलर से अधिक राजस्व वाली कंपनियों के हैं।’ ये जीसीसी मुख्य रूप से बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं और बीमा (बीएफएसआई), विमानन कंपनियों, खुदरा, पैकेज्ड उपभोक्ता वस्तु और मीडिया जैसे गैर-तकनीकी क्षेत्रों के होंगे।’
आहूजा ने कहा ‘वे हर डिजिटल चीज को बड़े स्तर पर अपनाने वाले हैं। वे डेटा-संचालित निर्णय लेने वाले उद्यमों में तब्दील हो रहे हैं, लेकिन उनके पास तकनीकी कंपनी बनने का डीएनए नहीं है।’
हालांकि परंपरागत रूप से एएनएसआर ने उत्तर अमेरिकी बाजार पर ध्यान केंद्रित किया है, लेकिन वर्तमान में इसे ब्रिटेन, यूरोपीय संघ, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड से काफी मांग मिल रही है। आहूजा ने कहा कि इसके अलावा मध्य-बाजार श्रेणी के कई संगठन भी अपने जीसीसी स्थापित करना शुरू कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पहले जीसीसी को बड़े स्तर और निवेश की जरूरत थी। लेकिन अब जीसीसी स्थापित करना काफी आसान हो गया है। इसमें लगभग कोई पूंजी शामिल नहीं होती है। यह मॉडल परिपक्व है, इसलिए मध्य-बाजार श्रेणी अब जीसीसी अपनाने वालों के रूप में उभर रहा है।
मध्य बाजार सहित जीसीसी की संख्या 35 से 40 तक जा सकती है।
नैसकॉम-जिनोव की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक वर्तमान में भारत तकरीबन 1,580 जीसीसी की मेजबानी कर रहा है, जिसमें 16.6 लाख लोग कार्यरत हैं। अगले दो साल में इसमें खासा इजाफा होने की उम्मीद है। भारत साल 2025 तक 1,900 से ज्यादा जीसीसी वाला देश बनने की ओर बढ़ रहा है, जिसमें 20 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। भारत का स्तर और प्रतिभा की विविधता जीसीसी के प्रमुख चालक बने हुए हैं।
आहूजा ने कहा कि भारत में अन्य सभी स्थानों से ज्यादा लोग हैं। यहां के प्रतिभावान लोगों के पास अंग्रेजी भाषा की अच्छी क्षमता, डोमेन विशेषज्ञता और सांस्कृतिक रूप से अनुकूल होने की क्षमता है। जब आप उत्तरी अमेरिका जाते हैं, तो पाते हैं कई सारी कंपनियों का नेतृत्व भारतीयों द्वारा किया जाता है और यह यहां की प्रतिभा के नेतृत्व, प्रशासनिक और प्रबंधकीय क्षमताओं का प्रमाण है। भारत में जीसीसी भी स्पष्ट रूप से परिपक्व और विकसित हुए हैं। अगर आपको सफलता की कहानियां खोजनी हों, तो वे आपको किसी भी अन्य स्थान की तुलना में भारत में ज्यादा मिलेंगी।
साल 2022-23 के दौरान एएनएसआर ने जिन कुछ जीसीसी की स्थापना की है, उनमें फेडएक्स, हाई-वी, इंस्पायर ब्रांड्स, नेबर्ली, केनव्यू, एचएमई और डॉक्यूसाइन शामिल हैं।
स्मॉलकैप 250 इंडेक्स कंपनियों में म्युचुअल फंड की औसत हिस्सेदारी 9.26 प्रतिशत के स्तर पर पहुंची। इसमें 20 प्रतिशत से अधिक एमएफ हिस्सेदारी रखने वाली कंपनियों की संख्या भी 24 से बढ़कर 28 हुई। वित्त वर्ष 24 के दौरान स्मॉलकैप योजनाओं में रिकॉर्ड प्रवाह देखा गया है।
First Published - December 25, 2023 | 1:10 PM IST
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