सरकार के स्वामित्व वाली एलायंस एयर के पायलट वेतन संशोधन की मांग को लेकर आज अचानक हड़ताल पर चले गए, जिसकी वजह से इसकी लगभग आधी उड़ानें रद्द करनी पड़ीं।
एलायंस एयर के पास 21 विमानों का बेड़ा है, जिसमें 20 एटीआर टर्बोप्रॉप विमान और एक विमान हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा निर्मित Dornier-228 विमान शामिल हैं। यह प्रतिदिन 120 से 130 उड़ानों का संचालन करती है। इनमें से कई उड़ानें उन गंतव्यों के लिए होती हैं, जहां यह एकमात्र परिचालक है।
सोमवार को इसका परिचालन अस्त-व्यस्त हो गया क्योंकि इसके 200 में से आधे से ज्यादा पायलटों ने बीमार होने की सूचना दी थी। शाम तक विमानन कंपनी ने निर्धारित उड़ानों में से करीब 60 प्रतिशत का परिचालन किया।
एलायंस एयर के मुख्य कार्याधिकारी (CEO) विनीत सूद ने कहा कि यह अचानक की जाने वाली हड़ताल है। बड़े स्तर पर बीमारी की छुट्टी के बारे में कोई नोटिस या अग्रिम सूचना नहीं दी गई थी।
एलायंस एयर पिछली जनवरी तक एयर इंडिया की सहायक कंपनी थी, जिसे सरकार ने टाटा समूह को बेच दिया था। अन्य विमानन कंपनियों की तरह वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान एलायंस एयर ने अपने पायलटों के वेतन में कटौती की। आंदोलनकारी पायलट चाहते हैं कि उनका वेतन कोविड से पहले वाले स्तर पर बहाल किया जाए।
सूद ने कहा कि हम पायलटों को आगे आने और बातचीत करने के लिए मना रहे हैं तथा हमें उम्मीद है कि वे ऐसा करेंगे।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि पायलटों की मांगों पर ध्यान देने की जरूरत है।