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गौतम अदाणी के खिलाफ तीनों मामले आपस में जुड़े, एक न्यायाधीश को सौंपे गएः अमेरिकी अदालत

न्यूयॉर्क पूर्वी जिला अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि ये तीनों मामले समान आरोपों पर आधारित हैं और समान लेनदेन या घटनाओं से ही उत्पन्न हुए हैं।

Last Updated- January 04, 2025 | 8:12 AM IST
Gautam Adani
Gautam Adani (File Photo)

अमेरिका की एक अदालत ने रिश्वतखोरी मामले में भारतीय उद्योगपति गौतम अदाणी और अन्य के खिलाफ दायर आपराधिक एवं दीवानी मामलों को ‘आपस में जुड़ा हुआ’ बताते हुए उन्हें आपराधिक मामला देख रहे न्यायाधीश के ही सुपुर्द कर दिया है।

अमेरिका में न्यूयॉर्क पूर्वी जिले की जिला अदालत की वेबसाइट पर उपलब्ध आदेश में कहा गया है कि अदाणी एवं अन्य से संबंधित तीनों मामले जुड़े हुए हैं लिहाजा इस मामले को जिला न्यायाधीश निकोलस गरौफिस को सौंप दिया गया है।

आदेश में कहा गया है, “न्यायिक दक्षता को बढ़ावा देने और विरोधाभासी अनुसूचियों से बचने के लिए तीनों मामलों को संबंधित के रूप में चिह्नित किया गया है। तीनों मामलों को सबसे पहले दायर अभियोग के लिए नियुक्त न्यायाधीश को सौंपा जाएगा जो अमेरिका बनाम अदाणी एवं अन्य वाद था जिसका आदेश मजिस्ट्रेट न्यायाधीश वेरा एम स्कैनलन ने 12 दिसंबर, 2024 को दिया था।”

मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश पर तीन मामले दर्ज किए गए थे। इनमें अमेरिका बनाम अदाणी एवं अन्य एक आपराधिक मामला है जबकि प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग (एसईसी) बनाम अदाणी एवं अन्य और एसईसी बनाम कैबनेस दीवानी मामले हैं।

न्यूयॉर्क पूर्वी जिला अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि ये तीनों मामले समान आरोपों पर आधारित हैं और समान लेनदेन या घटनाओं से ही उत्पन्न हुए हैं। अब इस मामले को जिला जज निकोलस गरौफिस को सौंप दिया गया है। अदाणी को सौर ऊर्जा अनुबंध पाने के लिए भारतीय अधिकारियों को कथित तौर पर 25 करोड़ डॉलर की रिश्वत देने के वर्षों पुराने मामले में उनकी भूमिका के लिए अमेरिकी न्याय विभाग कदम उठा रहा है। हालांकि अदाणी समूह अमेरिकी न्याय विभाग और एसईसी के आरोपों को ‘निराधार’ बताते हुए नकार चुका है।

अदाणी समूह के प्रवक्ता ने पिछले महीने मामला दायर होने के बाद कहा था, “अमेरिकी न्याय विभाग और अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग द्वारा अदाणी ग्रीन के निदेशकों के खिलाफ लगाए गए आरोप पूरी तरह से निराधार हैं…।’’

अदाणी समूह के प्रवक्ता ने अमेरिकी न्याय विभाग के एक बयान की ओर इशारा करते हुए कहा था, “अभियोग में लगाए गए आरोप महज आरोप हैं और जब तक दोषी साबित नहीं हो जाते, तब तक प्रतिवादियों को निर्दोष माना जाता है। इसमें सभी संभव कानूनी उपाय किए जाएंगे”। पिछले साल नवंबर में प्रतिभूति और विनिमय आयोग ने गौतम अदाणी, सागर अदाणी और एज्योर पावर ग्लोबल लिमिटेड के एक कार्यकारी सिरिल कैबनेस के खिलाफ रिश्वतखोरी और उसकी साजिश रचने का आरोप लगाया था।

न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के अटॉर्नी कार्यालय ने गौतम अदाणी, सागर और कैबनेस के अलावा अदाणी ग्रीन और एज्योर पावर से जुड़े अन्य व्यक्तियों के खिलाफ आपराधिक आरोपों को उजागर किया था। आपराधिक अभियोग में गौतम अदाणी, सागर और विनीत एस जैन पर “झूठे और भ्रामक बयानों के आधार पर अमेरिकी निवेशकों और वैश्विक वित्तीय संस्थानों से धन प्राप्त करने की कई अरब डॉलर की योजना में उनकी भूमिका के लिए प्रतिभूति धोखाधड़ी और मूल प्रतिभूति धोखाधड़ी करने की साजिश रचने” का आरोप लगाया गया है।

इस अभियोग में न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में कारोबार कर चुकी एक नवीकरणीय ऊर्जा कंपनी के पूर्व अधिकारियों रंजीत गुप्ता और रूपेश अग्रवाल और एक कनाडाई संस्थागत निवेशक के पूर्व कर्मचारियों- सिरिल कैबनेस, सौरभ अग्रवाल और दीपक मल्होत्रा के भी नाम हैं।

First Published - January 4, 2025 | 8:11 AM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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