एयर इंडिया (Air India) के पायलटों ने असहयोग की चेतावनी दी है। पायलटों ने कोविड पूर्व अतिरिक्त समय काम करने पर मिलने वाले भत्ते को फिर से लागू करने में देरी करने और कंपनी द्वारा भेदभाव करने के खिलाफ शिकायत दर्ज की है।
इंडियन कामर्शियल पायलट एसोसिएशन और इंडियन पायलट गिल्ड ने मंगलवार को एयरलाइन प्रबंधन को एक संयुक्त पत्र सौंपा, जिसमें कहा गया कि अगर पायलट महीने में 70 घंटे से अधिक की उड़ान ड्यूटी नहीं करते तो उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी। इसके खिलाफ अगर प्रबंधन कोई कठोर कार्रवाई करता है तो एसोसिएशन उड़ान सुरक्षा और अपने सदस्यों की भलाई के लिए औद्योगिक कार्रवाई करेगा।
यह यूनियन एयरबस और बोइंग का प्रतिनिधित्व करता है। यूनियनों की मुख्य शिकायत उड़ान ड्यूटी में वृद्धि, छुट्टी के लिए मनाही, पूर्व-कोविड पायलटों द्वारा अधिक काम करने पर मिलने वाले भत्ते को फिर से लागू करने में देरी है। एयर इंडिया ने इस विषय पर कोई टिप्पणी नहीं की।
यूनियनों ने कहा कि सभी विमान और विशेष रूप से बोइंग 777 विमान में, पायलटों ने लगातार 90 घंटे से अधिक समय तक उड़ान भरी है। छुट्टी अस्वीकृत और रद्द करने की संख्या चौंका देने वाली है। पायलटों की कमी के कारण नियोजित रोस्टर नहीं बनाया जा सकता है। यूनियन ने यह भी आरोप लगाया कि विदेशों से नियुक्त किए गए पायलटों को अधिक वेतन दिया जा रहा है और कई कर्मचारियों की गुप्त रूप से प्रोत्साहन राशि भी बढ़ाई जा रही है। लेकिन उनमें से कुछ भी गैर-कार्यकारी पायलटों को नहीं दिया जा रहा है।
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यूनियनों ने कोविड पूर्व ओवरटाइम भत्ता की बहाली की मांग करते हुए कहा, ‘हमने एयर इंडिया को ओटीपी रैंकिंग में पहले स्थान पर लाने में सहायता की है, फिर भी प्रबंधन द्वारा कोई सराहना नहीं की गई है।