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SEBI के एक्शन के बाद Gensol Engineering में खलबली! निदेशक ने छोड़ी कुर्सी, फंड डायवर्जन पर उठे सवाल

मेंनन ने अपने इस्तीफे के पीछे अपने मौजूदा नियोक्ता द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों और कंपनी में सीमित योगदान की भावना को कारण बताया है।

Last Updated- April 17, 2025 | 2:30 PM IST
Gensol Engineering independent director Arun Menon quits amid Sebi probe
Gensol Engineering

Gensol Engineering के इंडिपेंडेंट डायरेक्टर अरुण मेनन ने तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया है। उनका यह फैसला उस समय आया है जब कंपनी और उसके प्रमोटर्स पर भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की ओर से कथित फंड डायवर्जन और कॉरपोरेट गवर्नेंस से जुड़ी गड़बड़ियों के मामले में जांच की जा रही है।

अरुण मेनन ने प्रमोटर अनमोल सिंह जग्गी को संबोधित अपने इस्तीफे में चिंता जताते हुए लिखा कि, “Gensol Engineering के बैलेंस शीट का इस्तेमाल दूसरी कंपनियों के पूंजीगत खर्च (Capex) के लिए किया जा रहा है, जिससे कंपनी पर कर्ज का बोझ बढ़ रहा है। ऐसे कर्ज पर ब्याज चुकाना कंपनी के लिए लंबे समय तक टिकाऊ नहीं रह सकता।”

सेबी की सख्ती के बाद बढ़ी मुश्किलें

सेबी ने मंगलवार को एक अंतरिम आदेश जारी करते हुए Gensol Engineering और इसके प्रमोटर्स अनमोल सिंह जग्गी व पुनीत सिंह जग्गी को अगली सूचना तक शेयर बाजार से प्रतिबंधित कर दिया है। साथ ही, सेबी ने कंपनी के प्रस्तावित स्टॉक स्प्लिट को भी रोक दिया है और दोनों प्रमोटर्स को किसी भी लिस्टेड कंपनी में निदेशक या प्रमुख प्रबंधन पद पर बने रहने से मना कर दिया है।

यह कार्रवाई जून 2024 में सेबी को मिली एक शिकायत के बाद की गई है, जिसमें शेयर प्राइस में हेरफेर और कंपनी से फंड डायवर्जन के आरोप लगाए गए थे।

जेंसोल से मेंनन का इस्तीफा, कमेटियों से भी हटे

जेंसोल इंजीनियरिंग ने बुधवार को रेगुलेटरी फाइलिंग के जरिए पुष्टि की कि मेंनन ने कंपनी के बोर्ड और उससे जुड़ी विभिन्न कमेटियों से इस्तीफा दे दिया है।

कंपनी ने कहा, “उनके इस्तीफे के साथ ही वे कंपनी की विभिन्न समितियों के सदस्य नहीं रहेंगे।” मेंनन ने अपने इस्तीफे के पीछे अपने मौजूदा नियोक्ता द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों और कंपनी में सीमित योगदान की भावना को कारण बताया है।

अनमोल सिंह जग्गी को संबोधित एक पत्र में मेंनन ने जुलाई-अगस्त 2024 की उस घटना का जिक्र किया जब उन्होंने कंपनी की वित्तीय स्थिति को लेकर बात करने की कोशिश की थी। उन्होंने लिखा, “मैं आपको जुलाई/अगस्त 2024 की उस कोशिश की याद दिलाना चाहता हूं जब मैंने कंपनी के कर्ज की स्थिति पर स्पष्टता के लिए संपर्क किया था और ब्याज लागत कम करने के लिए डेट रिस्ट्रक्चर का सुझाव भी दिया था। आपने जवाब में कॉल करने का आश्वासन दिया था, लेकिन वह बातचीत आगे नहीं बढ़ सकी।”

कंपनी सेक्रेटरी और CFO से मुलाकात नहीं हो पाई, स्वतंत्र निदेशक ने जताई नाराजगी

Gensol Engineering Ltd (GEL) के स्वतंत्र निदेशक मेनन ने अपने इस्तीफे में कंपनी की कार्यशैली और संवाद की कमी पर चिंता जताई है। उन्होंने बताया कि उन्होंने कंपनी के सेक्रेटरी राजेश परमार से 2-3 बार बातचीत की और CFO से मुलाकात के लिए समय मांगा, लेकिन यह बैठक कभी नहीं हो पाई।

मेनन ने कंपनी के बैलेंस शीट को लेकर भी गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि GEL अपने अन्य कारोबारों के विस्तार के लिए बैलेंस शीट पर जरूरत से ज्यादा बोझ डाल रही है, जिससे कंपनी पर कर्ज का दबाव बढ़ता जा रहा है। उन्होंने इस कर्ज को चुकाने की क्षमता पर भी चिंता जाहिर की।

अपने इस्तीफे को लेकर मेनन ने कहा कि उन्होंने पहले ही संकेत दे दिया था कि वे कंपनी छोड़ना चाहते हैं। “पिछले साल मैंने परमार से कहा था कि मैं इस्तीफा देना चाहता हूं क्योंकि मुझे लगा कि मैं कंपनी में ज्यादा योगदान नहीं दे पा रहा हूं, लेकिन मुझे कहा गया कि Matrix का IPO पूरा होने तक इंतजार करें।”

मेनन ने यह भी बताया कि उनके वर्तमान रोजगार की प्रकृति—जहां पैरेंट कंपनी एक प्राइवेट इक्विटी फर्म है—उन्हें अन्य कंपनियों में स्वतंत्र निदेशक की भूमिका निभाने से रोकती है।

आखिर में मेनन ने कंपनी के लिए शुभकामनाएं दीं और कहा, “मैं समझता हूं कि कंपनी इस समय मुश्किल दौर से गुजर रही है, लेकिन मुझे भरोसा है कि बीते अनुभवों से मिली सीख आगे कंपनी के लिए मददगार साबित होगी।”

SEBI का जांच शिकंजा: Gensol पर फॉरेंसिक ऑडिट का आदेश, कंपनी ने कहा- जांच में देंगे पूरा सहयोग

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने Gensol Engineering और इससे जुड़ी संस्थाओं की वित्तीय गतिविधियों की गहराई से जांच कराने का फैसला लिया है। इसके तहत SEBI अब एक फॉरेंसिक ऑडिटर नियुक्त करेगा। कंपनी ने बुधवार को बयान जारी कर कहा कि वह इस ऑडिट में पूरा सहयोग करेगी।

कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया है कि SEBI के निर्देशों के बाद अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी ने प्रबंधन से जुड़ी अपनी जिम्मेदारियों से खुद को अलग कर लिया है।

SEBI के आरोप: लग्जरी खर्च और रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन पर सवाल

SEBI के अंतरिम आदेश में आरोप लगाया गया है कि Gensol के प्रवर्तकों ने कंपनी का इस्तेमाल निजी खर्चों के लिए किया। इनमें गुरुग्राम के DLF द कैमेलियास में एक लग्जरी अपार्टमेंट की खरीद, महंगा गोल्फ सेट लेना, क्रेडिट कार्ड बिल चुकाना और करीबी रिश्तेदारों को पैसे ट्रांसफर करना शामिल है।

इसके अलावा, आदेश में बताया गया है कि कंपनी ने इंडियन रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (IREDA) और पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन (PFC) से कुल ₹977.75 करोड़ का कर्ज लिया। इसमें से ₹663.89 करोड़ 6,400 इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) खरीदने के लिए था, जिन्हें BluSmart (एक संबंधित कंपनी) को लीज पर देना था।

हालांकि, फरवरी में SEBI को दी गई जानकारी में कंपनी ने स्वीकार किया कि उसने केवल 4,704 EV ही खरीदे। यह आंकड़ा Go-Auto प्राइवेट लिमिटेड (जो EV सप्लायर है) ने भी कन्फर्म किया है। कंपनी ने बताया कि उसने ₹567.73 करोड़ की 4,704 गाड़ियां सप्लाई की हैं।

चूंकि Gensol को प्रोजेक्ट में 20% अतिरिक्त इक्विटी निवेश भी करना था, इसलिए कुल अनुमानित खर्च ₹829.86 करोड़ होता है। इस हिसाब से ₹262.13 करोड़ का खर्च अब तक स्पष्ट नहीं है और इसी को लेकर सवाल उठे हैं।

First Published - April 17, 2025 | 2:30 PM IST

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