सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को राष्ट्रीय कंपनी विधि अपील अधिकरण (एनसीएलएटी) का आदेश आने तक डिकी ट्रस्ट-अदाणी पावर को दिवालिया कोस्टल एनर्जेन प्राइवेट लिमिटेड के परिचालन की अनुमति दी है। डिकी ट्रस्ट-अदाणी पावर कंसोर्टियम इस दिवालिया कंपनी की सफल बोलीदाता है। एनसीएलएटी ने 6 सितंबर को संकटग्रस्त कंपनी सीईपीएल के पुनरुद्धार के लिए डिकी अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट और अदाणी पावर लिमिटेड की 3,335 करोड़ रुपये की समाधान योजना पर प्रभावी रूप से रोक लगा दी थी।
अपील अधिकरण ने कहा था कि समाधान पेशेवर 18 सितंबर को होने वाली अगली सुनवाई तक तमिलनाडु के तूतीकोरिन में कोस्टल एनर्जेन के बिजली संयत्र का परिचालन जारी रखेंगे और इस दौरान अर्जित होने वाली किसी भी रकम को एस्क्रो खाते में रखा जाएगा।
एनसीएलएटी के इस आदेश को असंगत बताते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि एक तरफ एनसीएलएटी ने आदेश दिया कि एक हफ्ते तक समाधान पेशेवर पहले की तरह परिचालन बरकरार रखेंगे और दूसरी तरफ अगली तारीख तक यथास्थिति बरकरार रखने के लिए भी कहा है। न्यायालय ने कहा, ‘उस आदेश के पहले हिस्से से लगता है कि यथास्थिति बहाल करनी होगी जबकि दूसरे हिस्से से संकेत मिलत है उस दिन यानी 6 सितंबर तक यथास्थिति बरकरार रखी जाएगी।’
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, ‘चूंकि एनसीएलएटी के समक्ष कार्यवाही 18 सितंबर को सूचीबद्ध है और दोनों पक्षों का कहना है कि कोई स्थगन नहीं मांगा जाएगा और यदि एनसीएलएटी स्थगित करता है तो वह आपत्ति नहीं करेगा। इसलिए अगली सुनवाई होने तक पार्टियां एनसीएलएटी के साथ सहयोग करेंगी।’
फरवरी 2022 में भारतीय स्टेट बैंक द्वारा दायर एक आवेदन के आधार पर कोस्टल एनर्जेन को एनसीएलटी द्वारा ऋणशोधन अक्षमता प्रक्रिया में शामिल किया गया था।