अदाणी एयरपोर्ट्स (एएएचएल) ने ऋण चुकाने और धन बढ़ाने के लिए विदेश से 75 करोड़ डॉलर की रकम जुटाई है। कंपनी अपनी यात्री क्षमता साल 2040 तक तीन गुना करना चाहती है। कंपनी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
बाहरी वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) के रूप में यह रकम फर्स्ट अबू धाबी बैंक, बार्कलेज और स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम से जुटाई गई। बयान में कहा गया है कि इस सौदे से मौजूदा देनदारी का 40 करोड़ डॉलर का कर्ज चुकाने में मदद मिलेगी। बाकी धन 6 हवाई अड्डों पर बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने और गैर-वैमानिकी कारोबार की वृद्धि के लिए रखा जाएगा।
एएएचएल अदाणी एंटरप्राइजेज की सहायक कंपनी है और यह भारत की सबसे बड़ी निजी हवाई अड्डा परिचालक है। यह अहमदाबाद, लखनऊ, मंगलूरु, जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम में अपने हवाई अड्डों को बेहतर बनाने के लिए नई पूंजी जुटा रही है। वह शुल्क मुक्त खुदरा कारोबार, खाद्य और पेय पदार्थ तथा हवाई अड्डों की अन्य सेवाओं से राजस्व के सहायक स्रोत बढ़ाने पर भी काम कर रही है। I
एएएचएल के मुख्य कार्य अधिकारी अरुण बंसल ने कहा, ‘एएएचएल बेहतरीन ग्राहक अनुभव प्रदान करने, निर्बाध परिचालन के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने तथा हवाई अड्डों के अपने नेटवर्क में स्थिरता और सामुदायिक जुड़ाव को प्राथमिकता देने की राह पर बढ़ रही है।’
उन्होंने कहा, ‘अग्रणी वैश्विक वित्तीय संस्थानों का हम पर यह भरोसा भारत के विमानन बुनियादी ढांचे के दीर्घकालिक महत्त्व और क्षमता को बताता है।’कंपनी ने वित्त वर्ष 25 में 9.4 करोड़ यात्रियों को सुविधा दी जबकि उसकी क्षमता 11 करोड़ थी। उसका लक्ष्य चरणबद्ध विस्तार के जरिये साल 2040 तक इस संख्या को बढ़ाकर 30 करोड़ तक पहुंचाना है।