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फ्लाइट में सीट बुकिंग के लिए 44 फीसदी लोगों ने दिया एक्स्ट्रा फीस, LocalCircles के सर्वे में हुए कई खुलासे

LocalCircles ने अपने आंकड़े में बताया कि 66 फीसदी लोगों को परिवार के साथ एक जगह पर कभी भी सीट नहीं मिली।

Last Updated- March 29, 2024 | 6:12 PM IST
air passenger

भारत में एयरलाइन्स कंपनियों और उनकी सर्विसेज को लेकर समय-समय पर खामियां देखने को मिलती है। इसी बीच आज यानी शुक्रवार को लोकल सर्किल्स (LocalCircles) के सर्वे में कई और खुलासे देखने को मिले हैं और ये खुलासे फ्लाइट बुकिंग, सीट अलॉटमेंट जैसे मुद्दों से जुड़े हैं। सर्वे से एयरलाइंस और ऑनलाइन ट्रैवल पोर्टल्स की तरफ से ‘डार्क पैटर्न’ के व्यापक यूज का पता चलता है, जिससे ग्राहकों को उड़ान बुकिंग के दौरान सीट सिलेक्ट करने के लिए एक्स्ट्रा फीस का भुगतान करने में हेरफेर किया जाता है। ऐसे में आइये जानते हैं सर्वे में क्या निकलकर आया सामने-

फ्लाइट में हर सीट के लिए देना पड़ा एक्स्ट्रा पैसा

लोकलसर्किल्स के सर्वे में शामिल 44 फीसदी लोगों ने कहा कि भले ही उन्होंने एडवांस में फ्लाइट की बुकिंग कर ली हो लेकिन सीट अलॉटमेंट के लिए उनको एक्स्ट्रा फीस अदा करनी पड़ी। सर्वे में पिछले 12 महीनों का आंकड़ा लिया गया है। लोकलसर्किल्स के इस सर्वे में 14,142 लोगों ने जवाब दिया, जिसमें से 54 फीसदी लोगों ने यह भी कहा कि उन्हें सीट अलॉटमेंट के लिए कोई भी एक्स्ट्रा रकम नहीं देनी पड़ी। वहीं, 2 फीसदी लोगों को इस बारे में पूरी तरह से जानकारी नहीं थी, जिसकी वजह यह थी कि या तो उन्हें याद नहीं था या उनके टिकट की बुकिंग किसी और ने की थी।

हालांकि, एक्स्ट्रा फीस पे करने में साल 2023 के मुकाबले थोड़ी कमी आई है। 2023 में 51 फीसदी लोगों ने सीट अलॉटमेंट के लिए एक्स्ट्रा फीस पे किया था। जबकि, 2022 में यह आंकड़ा 35 फीसदी ही था।

65 फीसदी लोगों को साल में एक से ज्यादा बार देनी पड़ी

सर्वे में 13,804 ऐसे लोगों को शामिल किया गया जो साल में एक से ज्यादा या कई बार सफर करते रहते हैं। उनमें से 65 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें सीट अलॉट कराने के लिए एक या एक से ज्यादा बार एक्स्ट्रा फीस देनी पड़ी थी। वहीं, 28 फीसदी लोगों ने कहा कि हमेशा सीट बुक करने के लिए एक्स्ट्रा पैसा देना पड़ा है।

इसके अलावा 14 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें दो-तिहाई समय यानी 75 फीसदी टाइम एक्स्ट्रा फीस देनी पड़ी तो वहीं, 17 फीसदी लोगों ने कहा कि 50 फीसदी समय उन्हें ज्यादा पैसा चुकाना पड़ा। 6 फीसदी लोगों ने एक-चौथाई समय एक्स्ट्रा फीस पे करने की बात कही।

परिवार के साथ सफर करने वाले लोगों का क्या रहा हाल

लोकलसर्किल्स ने अपने आंकड़े में बताया कि 66 फीसदी लोगों को परिवार के साथ एक जगह पर कभी भी सीट नहीं मिली। सर्वे में 14,102 लोगों को शामिल किया गया था।

साथ न सीट मिलने वालों ने किस एयरलाइन से किया सफर

लोकलसर्किल्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 12 महीनों में यानी 2024 में एक्स्ट्रा फीस देकर सीट अलॉट कराने वाले लोगों की संख्या 65 फीसदी हो गई है, जबकि 2023 में यह 47 फीसदी थी। हालांकि, 2022 में यह संख्या 66 फीसदी थी।

सर्वे में शामिल लोगों में से 66 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्होंने इंडिगो एयरलाइन (Indigo) में टिकट बुक किया था मगर परिवार को एक साथ सीट नहीं मिल सकी। ऐसा ही करने में 21 फीसदी लोग स्पाइसजेट (Spicejet), 19 फीसदी लोग एयर इंडिया (Air India), 16 फीसदी लोग विस्तारा (Vistara) और 10 फीसदी लोग अकासा एयर (Akasa Air) शामिल थे। इस लिहाज से अगर जोड़ दिया जाए तो कुल 66 फीसदी लोगों को परिवार के साथ एक ही जगह पर सीट नहीं मिली।

गौरतलब है कि इंडिगो भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी है। इसके पास भारत में चल रहे सभी विमानो के मुकाबले 60.1 फीसदी फ्लाइट कैपासिटी है।

एविएशन सेक्टर में सुधार की जरूरत

लोकलसर्किल्स ने कहा कि ऐसा रोकने के लिए सभी एयरलाइंस और ट्रैवल वेबसाइट्स को किराया दिखाते समय यह बताना चाहिए कि किराया बुकिंग प्रक्रिया के दौरान उपभोक्ता (consumers) को किस तरह के एक्स्ट्रा चार्ज का सामना करना पड़ सकता है। अगर ऐसा एयरलाइन उस मौके पर नहीं करती हैं तो तो नागरिक उड्डयन मंत्रालय (Ministry of Civil Aviation ) को पेड सीट के बारे में गाइडलाइन्स जारी करनी चाहिए।

सर्वे में यह भी कहा गया कि एयरलाइनों उपभोक्ताओंseat booking, airline tickets, airlines, Vistara, IndiGo, Spicejet, seat selection, LocalCircles,सीट बुकिंग, एयरलाइन टिकट, एयरलाइंस, विस्तारा, इंडिगो, स्पाइसजेट, सीट चयन, लोकलसर्किल के पैसे दे पाने की क्षमता के मुताबिक और खासकर परिवार के साथ सफर कर रहे लोगों को एक साथ बैठने के लिए एक्स्ट्रा चार्ज लगाने से बचना चाहिए।

जानिये इस सर्वे के बारे में

लोकलसर्किल्स के लेटेस्ट सर्वे को भारत के 339 जिलों में रहने वाले 41,000 से ज्यादा उपभोक्ताओं से रिएक्शन्स मिले। इसमें 62 फीसदी जवाब देने वाले पुरुष थे जबकि 38 फीसदी महिलाएं थीं। 43 फीसदी जवाब देने वाले टियर 1 शहर से थे वहीं 26 फीसदी टियर 2 और 31 फीसदी टियर 3, 4 और ग्रामीण जिलों से थे।

First Published - March 29, 2024 | 5:46 PM IST

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