facebookmetapixel
केंद्र सरकार ने चीनी निर्यात पर लगाई मुहर, मोलासेस टैक्स खत्म होने से चीनी मिलों को मिलेगी राहतCDSCO का दवा कंपनियों पर लगाम: रिवाइज्ड शेड्यूल एम के तहत शुरू होंगी जांचें; अब नहीं चलेगी लापरवाहीपूर्वोत्तर की शिक्षा में ₹21 हजार करोड़ का निवेश, असम को मिली कनकलता बरुआ यूनिवर्सिटी की सौगातकेंद्र सरकार ने लागू किया डीप सी फिशिंग का नया नियम, विदेशी जहाजों पर बैन से मछुआरों की बढ़ेगी आयCorporate Action Next Week: अगले हफ्ते शेयर बाजार में स्प्लिट-बोनस-डिविडेंड की बारिश, निवेशकों की चांदीBFSI फंड्स में निवेश से हो सकता है 11% से ज्यादा रिटर्न! जानें कैसे SIP से फायदा उठाएं900% का तगड़ा डिविडेंड! फॉर्मिंग सेक्टर से जुड़ी कंपनी का निवेशकों को तोहफा, रिकॉर्ड डेट अगले हफ्तेDividend Stocks: निवेशक हो जाएं तैयार! अगले हफ्ते 40 से अधिक कंपनियां बांटेंगी डिविडेंड, होगा तगड़ा मुनाफाStock Split: अगले हफ्ते दो कंपनियां करेंगी स्टॉक स्प्लिट, छोटे निवेशकों के लिए बनेगा बड़ा मौकादेश में बनेगा ‘स्पेस इंटेलिजेंस’ का नया अध्याय, ULOOK को ₹19 करोड़ की फंडिंग

फार्मा क्षेत्र के लिए तीसरी तिमाही का पूर्वानुमान, लागत घटने से दवा फर्मों का मार्जिन सुधरेगा

Last Updated- January 18, 2023 | 11:41 PM IST
Pharma industry

विश्लेषकों का मानना है कि फार्मा और हेल्थकेयर कंपनियां घरेलू बाजार के मजबूत प्रदर्शन, कच्चे माल की कीमतों और माल ढुलाई लागत में नरमी तथा अमेरिका में कीमत दबाव में कमी आने के साथ साथ फ्लू के मौजूदा सीजन की वजह से भी वृद्धि दर्ज करने में मदद मिलेगी।

अस्पताल कंपनियों के लिए तीसरी तिमाही कमजोर रहने का अनुमान है, हालांकि प्रति बिस्तर औसत राजस्व (एआरपीओबी) मजबूत बना रह सकता है। डायग्नोस्टिक खंड में विश्लेषकों को प्रमुख व्यवसाय में सालाना आधार पर ऊंची एक अंक की वृद्धि दर्ज किए जाने की संभावना है, लेकिन प्रतिस्पर्धा की वजह से मार्जिन पर दबाव बना हुआ है।

न्यूवामा रिसर्च के विश्लेषकों का कहना है कि उन्हें राजस्व सालाना आधार पर 10 प्रतशत और एबिटा 11 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है। वहीं तिमाही आधार पर, राजस्व वृद्धि 4 प्रतिशत के साथ कमजोर रहने का अनुमान है, जबकि एबिटा वृद्धि तिमाही आधार पर 23 प्रतिशत के साथ मजबूत रहेगी।

अमेरिका में फ्लू सीजन से अजंता फार्मा, जाइडस लाइफसाइंसेज, ल्यूपिन, नैटको फार्मा, अलेंबिक फार्मा आदि जैसी भारतीय दवा निर्माताओं को कुछ मदद मिलेगी। सिस्टमैटिक्स के विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिका में जेनेरिक टैमिफ्लू कैप्सूल बिक्री सालाना आधार पर 200 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ी है, और जेनेरिक टैमिफ्लू सस्पेंशन का बाजार 500 प्रतिशत तक बढ़ा है।

हालांकि अमेरिका में कीमत गिरावट अपेक्षाकृत स्थिर हुई है, लेकिन अभी वहां कोई बड़ी पेशकश नहीं किए जाने की संभावना है।

आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के विश्लेषकों का कहना है कि अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के लिए आईक्यूवीआईए आंकड़े से पता चलता है कि भारतीय फार्मा बाजार (आईपीएम) मूल्य संदर्भ में सालाना आधार पर 10 प्रतिशत बढ़ा है।

हालांकि बिक्री तीसरी तिमाही के दौरान सपाट रही। सेगमेंटों के संदर्भ में, एक्यूट थेरेपीज ने तिमाही के दौरान अच्छा प्रदर्शन किया। जहां एंटी-इन्फेक्टिव श्रेणी 11.3 प्रतिशत तक बढ़ी, वहीं रेस्पिरेटरी में सालाना आधार पर 12.8 प्रतिशत तक का इजाफा दर्ज किया गया। ऐसा मौसमी मांग की वजह से हुआ। क्रोनिक थेरेपीज – एंटीडायबिटिक, कार्डियक ने भी मजबूत वृद्धि दर्ज की।

टारंट फार्मा जैसी भारत केंद्रित कंपनियां स्पेशियल्टी उत्पादों की मदद से घरेलू बाजार में 15 प्रतिशत की राजस्व वृद्धि दर्ज कर सकती हैं। जेबी फार्मा का भारतीय व्यवसाय सालाना आधार पर 45 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है। कंपनी को सैनजाइम और अजमार्डा ब्रांडों से हासिल होने वाले राजस्व से मदद मिल सकती है।

सिस्टमैटिक्स के विश्लेषकों का कहना है कि देश की सबसे बड़ी दवा कंपनी सन फार्मा को कीमत वृद्धि और भारत में कर्मियों की संख्या बढ़ने से लाभ मिल सकता है। कंपनी को दिसंबर 2022 में उसके हलोल संयंत्र के लिए आयात अलर्ट मिला।

First Published - January 18, 2023 | 11:14 PM IST

संबंधित पोस्ट