कुछ वक्त पहले बंपर पैदावार से फूले नहीं समा रहे गेहूं में अब घुन लग गया है।
देश की 50 से अधिक मंडियों में गेहूं का बिक्री मूल्य न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 1,080 रुपये प्रति क्विंटल से भी नीचे आ गया है। इन मंडियों में दिल्ली की नरेला मंडी से लेकर राजस्थान, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल की मंडियां शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश की मंडियों में गेहूं का बिक्री मूल्य गिरकर 950 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच चुका है। नरेला मंडी में पिछले महीने गेहूं 1,128 रुपये प्रति क्विंटल थे, जो अप्रैल में 1,040 रुपये हो गए।
यूपी की सहारनपुर और बरेली मंडी में मार्च में गेहूं की कीमत क्रमश: 1,100 रुपये एवं 1,088 रुपये प्रति क्विंटल थी जो अप्रैल में 1,070 व 1,060 रुपये हो गई है। राजस्थान की श्रीगंगानगर मंडी में गेहूं के दाम 29 रुपये प्रति क्विंटल घटे हैं।
किसानों और कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक पहले से भारी मात्रा में गेहूं की उपलब्धता और इस साल की बंपर फसल होने के कारण गेहूं का बिक्री मूल्य 850 रुपये प्रति क्विंटल तक जा सकता है। कीमत में एमएसपी के मुकाबले 100-200 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट का असर अगली फसल पर पड़ेगा।
करनाल स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान केंद्र के परियोजना निदेशक (गेहूं) डॉ. जे श्योरेन कहते हैं, ‘उत्पादन को देखते हुए सरकार के पास बफर स्टॉक रखने की जगह नहीं है। चावल और गेहूं की भारी मात्रा पहले से गोदामों में है। सरकार को गेहूं खरीद के लिए किसानों को आश्वस्त करना चाहिए।’
भारतीय किसान आंदोलन समिति के संयोजक चौधरी युद्धवीर सिंह कहते हैं, ‘गेहूं के आयात पर कोई शुल्क नहीं है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में गेहूं के भाव कम हैं। भला व्यापारी मंडी से किसानों के गेहूं क्यों खरीदेगा।’
गेहूं की कीमत में जबरदस्त कमी
विभिन्न राज्यों में एमएसपी से नीचे गेहूं का बिक्री मूल्य
राज्य कीमत (रुपये प्रति क्विंटल में)
उत्तर प्रदेश 950-1070
पंजाब 1025-1060
पश्चिम बंगाल 900-1050
राजस्थान 975-1075
महाराष्ट्र 1012-1050
मध्य प्रदेश 950-1055
कर्नाटक 950-1070
गुजरात 990-1060
(स्त्रोत : एपीएमसी)