नायरा एनर्जी (Nayara Energy) ने सरकारी कंपनी हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL) को परिष्कृत पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति बढ़ा दी है। वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि दरअसल, यूरोपियन यूनियन (ईयू) के प्रतिबंधों के बाद रोसनेफ्ट समर्थित नायरा एनर्जी की इस रिफाइनरी से निर्यात अचानक गिरकर शून्य हो गया है।
अधिकारी ने एक कार्यक्रम में अलग से बताया, ‘नायरा उत्पादों (पेट्रोलियम)की आपूर्ति घरेलू कंपनियों में मुख्यतौर पर एचपीसीएल और कुछ छोटी कंपनियों शैल को करेगी।’
नायरा एनर्जी में रूस की दिग्गज तेल कंपनी रोसनेफ का 49 प्रतिशत स्वामित्व है। यूरोपियन यूनियन ने 18वें प्रतिबंध पैकेज की घोषणा 18 जुलाई को की थी। इससे नायरा एनर्जी की रिफाइनरी से यूरोप को होने वाला निर्यात पूरी तरह खत्म हो गया था।
नायरा के परिष्कृत उत्पादों के एचपीसीएल को अधिक आपूर्ति करने से कंपनी पर प्रतिबंधों का असर कम होगा। कंपनी ट्रक और पाइपलाइन के जरिए गुजरात स्थित एचपीसीएल के टर्मिनल को उत्पादों की आपूर्ति कर सकती है।
नायरा प्रमुख तौर पर एचपीसीएल को प्राथमिक तौर पर आपूर्ति बढ़ा रही है जबकि भारत की अन्य तेल कंपनियों जैसे इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसीएल), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (बीपीसीएल) और रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) के पास अपनी मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त रिफाइनिंग क्षमता है। अधिकारी ने बताया कि निर्यात नहीं होने और कच्चे तेल की बाधित आपूर्ति के कारण अभी नायरा अपनी रिफाइनिंग क्षमता का 60 से 80 प्रतिशत ही उपयोग कर रही है।